Loading election data...

गिरिडीह में नौलखा डैम का कलवर्ट टूटने से 80% पानी हो चुका है बर्बाद, लोगों को सता रही घटते जलस्तर की चिंता

गिरिडीह में नौलखा डैम का कलवर्ट टूटने से 80% पानी बर्बाद हो चुका है. पानी का निकलना अब भी जारी है. जिससे लोगों को घटते जलस्तर की चिंता सता रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2023 12:19 PM

गिरिडीह जिले के नौलखा डैम का कलवर्ट टूटने से डैम का 80 प्रतिशत पानी बह चुका है. पानी का निकलना अब भी जारी है. धार की रफ्तार कम हो चुकी है. धनवार नगरवासियों को जलस्तर कम होने की चिंता सताने लगी है. विदित हो कि दो दशक पूर्व डैम का जीर्णोद्धार होने के बाद पर्याप्त जल संग्रह हो गया तो न सिर्फ धनवार बाजार का जलस्तर बढ़ गया था, बल्कि पानी का खारापन भी काफी सुधर गया था. इस बार तो डैम का पानी बह चुका है, फिलहाल कलवर्ट भी बह चुका है. ऐसे में आगामी मॉनसून के पूर्व डैम में जलसंग्रह की संभावना नहीं है. ऐसे में गर्मी के दिनों में जलस्तर गिरने की चिंता लाजिमी भी है.

लोग विभाग को कोस रहे

इधर, डैम टूटने की खबर रविवार से ही क्षेत्र में चर्चा में है. सोमवार को बारिश थम जाने के बाद सैकड़ों लोग डैम का मुआयना करने आये और इसके टूटने को लेकर संवेदक और विभाग को कोसा. पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी ने भी क्षति का जायजा लिया. अगल-बगल के गांव के सैकड़ों लोग डैम में मछली मारने में मशगुल दिखे. पांच से दस-बारह किलो तक की मछलियां मारी गयीं. सुरक्षा के दृष्टिकोण से टूटे कलवर्ट के दोनों तरफ बोल्डर-पत्थर रखकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया है, ताकि कोई वाहन लेकर वहां तक नहीं जाए. बावजूद इसके सुबह से शाम तक पैदल चलकर डैम की क्षति देखने वालों का तांता लगा रहता है.

जल जमाव से क्षेत्र की बढ़ी परेशानी

बगोदर इलाके में हुई लगातार मुसलाधार बारिश ने ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क की बदहाली सामने लाकर रख दी है. सड़क पर बने गड्ढों में जल जमाव से जहां आवागमन में लोगों को परेशानी हो रही है, वहीं सड़क हादसे का भी भय बना रहता है. विचित्र तो यह है कि पूर्व विधायक नागेंद्र महतो के गांव खेतको जानेवाली सड़क तो एक दशक से बदहाल है. शिलान्यास के एक साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं : बगोदर पूर्वी पंचायत के ठाकुर टोला जाने वाली सड़क बरसात के दिनों में खतरे से कम नहीं रहती है. गांव जाने के लिए राहगीरों के अलावे बाइक चालकों को भी काफी परेशानी होती है. इस सड़क पर थोड़ी सी असावधानी सीधे दुर्घटना का कारण बनती है. तिरला गांव की भी स्थिति बरसात के दिनों में नारकीय हो जाती है. इस सड़क का शिलान्यास हुए एक साल हो गया है, पर गांव में जमीन अधिग्रहण को लेकर निर्माणकार्य लंबित है. नतीजतन बरसात में गड्ढों के कारण यह सड़क जगह-जगह जलमग्न हो गयी है.

Also Read: धनबाद के ओपन कास्ट माइंस में दिखा बादलों जैसा अद्भुत नजारा, देखें PHOTOS

पूर्व विधायक के गांव की सड़क एक दशक से बदहाल

औरा मोड़ से करीब 200 मीटर तक सड़क इस तरह जलमग्न है कि हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है. यहां सड़क के किनारे नाली नहीं होने से करीब एक-दो फीट तक पानी जमा हो जाता है. यहां एक दशक से यह स्थिति यही बनी हुई है. खेतको जाने वाले गांव की सड़क की दशा बेहद खराब है. इस रोड में करीब एक दर्जन से अधिक गड्ढे हैं जो जलमग्न हो गये हैं. विदित हो कि यह गांव पूर्व विधायक नागेंद्र महतो का गांव है. इस सड़क का यह हाल एक दशक से है. अलगडीहा मोड़ से लेकर पूरे खेतको गांव में जगह-जगह गड्ढे हैं. यहां जल जमाव से काफी परेशानी होती है.

Also Read: झारखंड में ‘हथिया’ की बारिश से खिल उठे किसान, कई घरों में घुसा पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी

Next Article

Exit mobile version