Nautapa 2023: जब सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में गोचर करते हैं उसी दिन से नौतपा की शुरुआत होती है. रोहिणी नक्षत्र में आते ही पृथ्वी का तापमान बढ़ने लगता है. इस समय में सूर्य देव 14 दिनों के लिए रोहिणी नक्षत्र में आते हैं. लेकिन इन 14 दिनों में शुरु के 9 दिन सबसे गर्म होते हैं, जिसे नौतपा के रूप में जाना जाता है. जानें इस बार नौतपा कब से शुरू हो रहा है? सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने का समय नोट कर लें.
नौ दिनों दिनों तक लोगों का गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ सकता है. इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं. ये समय 25 मई से दो जून तक रहेगा. इसके अलावा ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष में चंद्रमा जब आद्रार् से स्वाती तक 10 नक्षत्रों में रहता हो तो नौतपा होता है.
सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते समय मेष राशि में राहु-शुक्र की युति बनेगी और वृषभ राशि में सूर्य और बुध की युति बनेगी, जिससे बुधादित्य नाम का शुभ योग बनेगा. मीन राशि में मंगल, चंद्र और गुरु की युति रहेगी. केतु तुला राशि में रहेगा. नौतपा में आटे से भगवान ब्रह्मा की मूर्ति बनाकर पूजा करना शुभ माना जाता है.
धर्म शास्त्रों के मुताबिक़, नौतपा के समय सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधे पड़ती है. जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है और गर्मी अत्यधिक पड़ने लगती है. ऐसे मौसम में आंधी और तूफान आने की संभावना अत्यधिक होती है. जिससे धन और जन के नुकसान की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे में लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है. धार्मिक मान्यता है कि नौतपा के समय ग्रह एवं नक्षत्र की स्थिति भी अशुभ होती है.
नौतपा में सुबह पूजा के बाद सत्तू, घड़ा, पंखा या धूप से निजात दिलाने वाला छाता दान कर सकते हैं. इस अवधि में जरूरतमंदों को ठंडी चीजें दान करने से करने से पूण्य फलों की प्राप्ति होती है. आप चाहें तो शरीर को ठंडक देने वाली चीजें जैसी कि दही, नारियल पानी या तरबूज का भी दान कर सकते हैं.