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जानें किस दिन कौन सी देवी की होगी पूजा
17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा घटस्थापना
18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा
19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा
20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा
21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा
22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा
23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा
24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा
25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा
जानें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन आश्चिन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी. इस दिन घट स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगा. घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा.
जानें व्रत रखने का नियम
व्रत-उपवास में माता जी की पूजा करने के बाद ही फलाहार करें. यानि सुबह माता जी की पूजा के बाद दूध और कोई फल ले सकते हैं. व्रत के दौरान नमक नहीं खाना चाहिए. उसके बाद दिनभर मन ही मन माता जी का ध्यान करते रहें. शाम को फिर से माता जी की पूजा और आरती करें. इसके बाद एक बार और फलाहार कर सकते हैं. अगर न कर सके तो शाम की पूजा के बाद एक बार आप भोजन कर सकते हैं.
घर पर नवरात्रि पूजा विधि
नवरात्रि में सुबह जल्दी उठना चाहिए और नित्यकर्म और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और पूजा घर को साफ करें. इसके बाद नवरात्रि में मां दुर्गा की आराधना करने से पहले सभी तरह की पूजा सामग्रियों को एक जगह एकत्रित कर लें. इसके बाद मां दुर्गा की फोटो को लाल रंग के कपड़े में रखें. फिर पूजा की थाली को सजाएं उसमें सभी तरह की पूजा सामग्री को रखें. मिट्टी के पात्र में जौ के बीज को बोएं और नौ दिनों तक उसमें पानी का छिड़काव करें. नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर शुभ मुहूर्त में कलश को लाल कपड़े में लपटेकर स्थापित करें. कलश में गंगाजल डाले और आम की पत्तियां रखकर उस पर जटा नारियल रखें.
58 साल बाद बन रहा है ऐसा संयोग
सूर्य का यह राशि परिवर्तन मानव जीवन पर बहुत बड़ा असर डालेगा. इस बार सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर रहे है. तुला राशि में बुध पहले से ही वक्री रहेंगे. इस कारण बुध-आदित्य योग बनेगा. इसके साथ ही 58 साल बाद शनि-गुरु का भी दुर्लभ योग बन रहा है. इस नवरात्रि में शनि मकर में और गुरु धनु राशि में रहेंगे. ये दोनों ग्रह 58 साल बाद नवरात्रि में एक साथ अपनी-अपनी राशि में स्थित रहेंगे. 1962 के बाद इस बार नवरात्रि में ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है.
नवरात्रि के पहले दिन की जाती है मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करें. ऐसा करने पर आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है.
इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता रानी
इस बार 17 अक्टूबर से नवरात्र शुरू हो रहा है. इस दिन शनिवार है, इसलिए मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आने वाली है. देवी भागवत पुराण के अनुसार जब माता दुर्गा नवरात्रि पर घोड़े की सवारी करते हुए आती हैं तब पड़ोसी से युद्ध, गृह युद्ध, आंधी-तूफान और सत्ता में उथल-पुथल जैसी गतिविधियां बढ़ने की संभावना रहती है.
जानिए इन राशियों पर कैसा पड़ेगा नवरात्रि का असर
मेष- इस राशि के लिए विवाह के योग बन सकते हैं. प्रेम में सफलता मिल सकती है. नवरात्रि में नौ दिनों तक मां की आराधना जरूर करें.
वृष - इन लोगों को को शत्रुओं पर विजय मिलेगी. रोगों में लाभ होगा. नवरात्रि में मां की उपासना करें.
मिथुन - संतान सुख मिलने के योग हैं. नौकरी में प्रमोशन और धन लाभ मिल सकता है. इस बार आप नवरात्रि व्रत रखें.
कर्क - माता से सुख मिलेगा. वैभव बढ़ेगा. कार्यों में सफलता के साथ सम्मान मिलेगा. दुर्गा माता की पूजा करें.
सिंह - आपका पराक्रम अच्छा रहेगा. आशा के अनुरूप फल प्राप्त होंगे. भाई से मदद मिलेगी. नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करें.
कन्या - स्थाई संपत्ति से लाभ हो सकता है. धन वृद्धि के योग बन रहे हैं. दुर्गा माता की पूजा करें.
तुला - इस राशि के लिए प्रसन्नता बनी रहेगी. सोचे हुए काम समय पर पूरे होंगे. नवरात्रि में व्रत रखें और पूजा करें.
वृश्चिक - अनावश्यक व्यय होगा. कमाई कम हो सकती है. घर-परिवार से संबंधित चिंताजनक समाचार मिल सकता है.
धनु - आपके लिए ये नवरात्रि लाभदायक रह सकती है. आय में बढ़ोतरी होने के योग हैं.
मकर - इन लोगों अनावश्यक काम करना पड़े सकते हैं. समय अभाव रहेगा. मानसिक तनाव बना रहेगा.
कुंभ - इस राशि के लिए भाग्य वृद्धि का समय है. साथियों की मदद प्राप्त होगी. काम पूरे होंगे.
मीन - आपको वाहन प्रयोग में सावधानी रखनी होगी. दुर्घटना होने के योग बन रहे हैं. शत्रुओं की वजह से परेशानी हो सकती है.