Navratri 2021: नवरात्रि में अखंड ज्योति का होता है खास महत्व, जानिए इससे लाभ, नियम, मंत्र और शुभ मुहूर्त
Durga Puja Akhand Jyoti rules and its importance: साल में मुख्य तौर पर दो नवरात्रि मनाई जाती है. अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करे और उसे पूरी भक्ति से जलाए रखे तो देवी प्रसन्न होती हैं
साल में वैसे तो मुख्य तौर पर दो नवरात्रि मनाई जाती है. चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहते हैं और अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. मान्यता है कि अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करे और उसे पूरी भक्ति से जलाए रखे तो देवी प्रसन्न होती हैं और उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं.
नवरात्रि में अखंड दीपक क्यों जलाते हैं
मान्यता है कि अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करे और उसे पूरी भावना और मन से जलाए रखे तो देवी प्रसन्न होती हैं और उसकी सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं. इस दीपक के सामने जप करने से हजार गुणा फल मिलता है. साल में हम 2 बार देवी की आराधना करते हैं. नवरात्रि के दौरान माता रानी को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु कलश स्थापना, अंखड ज्योति, माता की चौकी आदि तरह के पूजन-अर्चन करते हैं.
हिंदू धर्म में है दिपक का खास महत्व
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाए जाते हैं. सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी दीपक जलाने की परंपरा है। वास्तुशास्त्र में दीपक जलाने व उसे रखने के संबंध में कई नियम बताए गए हैं. दीपक की लौ की दिशा किस ओर होनी चाहिए, इस संबंध में वास्तुशास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है. वास्तुशास्त्र में यह भी बताया गया है कि दीपक की लौ किस दिशा में होने पर उसका क्या फल मिलता है.
नवरात्रि के नौ दिन की तिथियां
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7 अक्टूबर, गुरूवार – प्रतिपदा घटस्थापना और माँ शैलपुत्री पूजा
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8 अक्टूबर, शुक्रवार -द्वितीय माँ ब्रह्मचारिणी पूजा
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9 अक्टूबर, शनिवार – तृतीया और चतुर्थी माँ चंद्रघंटा पूजा और माँ कुष्मांडा पूजा
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10 अक्टूबर, रविवार – पंचमी माँ स्कंदमाता पूजा
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11 अक्टूबर, सोमवार – षष्ठी माँ कात्यायनी पूजा
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12 अक्टूबर, मंगलवार – सप्तमी माँ कालरात्रि पूजा
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13 अक्टूबर, बुधवार -अष्टमी माँ महागौरी पूजा
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14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार -नवमी माँ सिद्धिदात्री पूजा
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15 अक्टूबर,शुक्रवार -दशमी नवरात्रि पारण/दुर्गा विसर्जन
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
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शुभ मुहूर्त 07 अक्टूबर, गुरूवार प्रातः 06:17 से आरम्भ होकर 10:11 तक रहेगा
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अभिजीत मुहूर्त 11:46 से आरंभ होकर 12:32 तक रहेगा
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इस मुहूर्त में कलश या घाट स्थापना करना भक्तों एक लिए विशेष रूप से फलदायी होगा
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जो देवी भक्त इन नौ दिनों के दौरान उपवास रखते हैं, उनके लिए पारणा का मुहूर्त 15 अक्टूबर को होगा
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15 अक्टूबर को धूमधाम के साथ विजयदशमी का त्योहार यानी दशहरा मनाया जाएगा
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इसी दिन बंगाल प्रथा के अनूसार दुर्गा विसर्जन भी बड़ी धूमधाम से किया जाएगा
Posted By: Shaurya Punj