26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Navratri Day 4, Maa Kushmanda: मां कूष्मांडा पूजा विधि, मंत्र, आरती समेत पूरी डिटेल्स यहां पढ़ें

Navratri Day 4, Maa Kushmanda: शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन यानी 29 सितंबर को मां कूष्मांडा की पूजा की जा रही है. माता कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाया जाता है. जानें दुर्गा माता के चौथे रूप यानी मां कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती के बारे में पूरी डिटेल.

Navratri Day 4, Maa Kushmanda: नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है. शासी ग्रह ऐसा माना जाता है कि देवी कुष्मांडा सूर्य को दिशा और ऊर्जा प्रदान करती हैं. इसलिए भगवान सूर्य देवी कुष्मांडा द्वारा शासित हैं. देवी कूष्मांडा के आठ हाथ हैं और इसी वजह से उन्हें अष्टभुजा देवी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सिद्धियों और निधियों को प्रदान करने की सारी शक्ति उसकी जप माला में स्थित है. ब्रह्माण्ड और कुष्मांडा के साथ अपने जुड़ाव के कारण उन्हें देवी कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है. आगे पढ़ें देवी कूष्मांडा की पूजा विधि, मंत्र और आरती के बारे में डिटेल.

नवरात्रि 4 दिन शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त- 04:37 ए एम से 05:25 ए एम.
अभिजित मुहूर्त- 11:47 ए एम से 12:35 पी एम.
विजय मुहूर्त-02:11 पी एम से 02:58 पी एम.
गोधूलि मुहूर्त- 05:58 पी एम से 06:22 पी एम.
अमृत काल- 08:39 पी एम से 10:13 पी एम.
निशिता मुहूर्त-11:47 पी एम से 12:36 ए एम, 30 सितम्बर.
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:13 ए एम, सितम्बर 30 से 06:13 ए एम,  30 सितम्बर.
रवि योग- 06:13 ए एम से 05:13 ए एम,  30 सितम्बर.

माता कूष्मांडा पूजा विधि

  • सुबहसबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त हो कर स्वच्छ कपड़े पहनें.

  • अब मां कूष्मांडा का ध्यान कर उन्हें धूप, गंध, अक्षत्, लाल पुष्प, सफेद कुम्हड़ा, फल, सूखे मेवे और श्रृंगार का सामान अर्पित करें.

  • मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाएं.

  • मां का भक्ति भाव से ध्यान करें.

  • पूजा के अंत में मां कूष्मांडा की आरती करें. 

देवी कूष्मांडा मंत्र, स्तूति

ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः॥

स्तूति: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Also Read: Navratri 2022 Day 4 Bhog: माता कूष्मांडा को लगाएं मालपुआ का भोग, यहां है आसान रेसिपी, वीडियो
मां कूष्माण्डा आरती

कूष्माण्डा जय जग सुखदानी। मुझ पर दया करो महारानी॥

पिङ्गला ज्वालामुखी निराली। शाकम्बरी माँ भोली भाली॥

लाखों नाम निराले तेरे। भक्त कई मतवाले तेरे॥

भीमा पर्वत पर है डेरा। स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥

सबकी सुनती हो जगदम्बे। सुख पहुँचती हो माँ अम्बे॥

तेरे दर्शन का मैं प्यासा। पूर्ण कर दो मेरी आशा॥

माँ के मन में ममता भारी। क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥

तेरे दर पर किया है डेरा। दूर करो माँ संकट मेरा॥

मेरे कारज पूरे कर दो। मेरे तुम भंडारे भर दो॥

तेरा दास तुझे ही ध्याए। भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें