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Skandamata Puja Vidhi: नवरात्रि के पाचवें दिन करें स्कंदमाता की उपासना, पूजा विधि, मंत्र, महत्व जान लें

Navratri 2022, Day 5, Skandamata Puja Vidhi: नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. इस दिन माता को केले का भोग लगाया जाता है. माता संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2022 12:44 PM

Navratri 2022 Day 5, Skandamata Puja Vidhi: नवरात्रि (Navratri 2022) के पांचवें दिन स्कंदमाता (skandamata) की पूजा की जाती है. इस बार स्कंदमाता की पूजा 30 सितंबर, दिन शुक्रवार है. स्कंदमाता की चार भुजाओं वाली हैं. इन्होंने दाईं ओर की ऊपर वाली भुजा से अपने पुत्र स्कंद को गोद में पकड़ा हुआ है. नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है. बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा वरदमुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है. गौर वर्ण वाली स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं. इनकी सवारी शेर है. जानें स्कंदमाता की पूजा विधि, भोग, मंत्र, आरती और उपाय.

स्कंदमाता पूजा विधि (Skandamata Puja Vidhi)

नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है.

इस दिन सबसे पहले स्‍नान करें और स्‍वच्‍छ कपड़े पहनें.

पूजा स्‍थान में स्‍कंदमाता की तस्‍वीर या प्रतिमा को गंगाजल से स्नान करायें.

अब एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्‍के डालें और उसे चौकी पर रख दें.

स्‍कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाएं, फूल और नैवेद्य अर्पित करें.

अब स्कंदमाता की श्रद्धा भाव के साथ आरती उतारें.

स्कंद माता को केले का भोग जरूर लगाएं.

माता को श्रृंगार का सामन चढ़ायें.

स्कंद माता ध्यान मंत्र (Skandamata Dahyn Mantra)

सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।। या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

स्कंदमाता की आरती (Skandamata Ki Aarti)

जय तेरी हो अस्कंध माता
पांचवा नाम तुम्हारा आता
सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी
तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै
कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा
हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे
भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये
दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई

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संतान प्राप्ति की इच्छा होती है पूरी

ऐसी मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, उनकी इच्छा माता पूरी करती हैं. आदिशक्ति का यह स्वरूप संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण करनेवाला माना गया है. स्कंदमाता की पूजा में कुमार कार्तिकेय का होना जरूरी माना गया है. मां की कृपा से बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है.पारिवारिक शांति की बनी रहती है.

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