Navratri 2022 Day 8 Live Updates: दुर्गा अष्टमी आज, पूजा, मंत्र, आरती, कन्या पूजन मुहूर्त नोट कर लें

Navratri 2022 Day 8 Live Updates: नवरात्रि के आठवें दिन आदिशक्ति श्री दुर्गाजी का अष्टम रूप श्री महागौरी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के आठवें दिन इनकी उपासना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी दुखों को दूर करती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2022 8:40 AM
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मुख्य बातें

Navratri 2022 Day 8 Live Updates: नवरात्रि के आठवें दिन आदिशक्ति श्री दुर्गाजी का अष्टम रूप श्री महागौरी की पूजा की जाती है. नवरात्रि के आठवें दिन इनकी उपासना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी दुखों को दूर करती हैं.

लाइव अपडेट

महागौरी पूजा विधि

  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर, साफ शुद्ध कपड़े पहनें.

  • मां की प्रतिमा को गंगाजल जल से स्नान कराएं.

  • अब सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें.

  • महागौरी का वस्त्र सफेद रंग का होता है.

  • अब उन्हें सफेद पुष्प अर्पित करें. माता का प्रिय पुष्प रातकी रानी है.

  • रोली कुमकुम लगाएं. 

  • माता को नारियल या नारियल से बनी मिठाई अर्पित करें.

  • महागौरी को काले चने का भोग लगाएं.

  • ध्यान करें, मंत्रों का जाप करें और अंत में महागौरी की आरती करें.

  • महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है.

महागौरी को चढ़ाएं नारियल

इस दिन मां को नारियल चढ़ाया जाता है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है.

कन्या पूजन का मिलता है विशेष फल

दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन कराने का विधान है. इस दिन 02 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन किया जाता है. हर उम्र की कन्या अलग अलग देवियों का रूप होती हैं. उनके अलग अलग आशीर्वाद प्राप्त होता है. कन्या पूजन करने से मां दुर्गा का आशीष मिलता है क्योंकि ये कन्याएं मां दुर्गा का स्वरूप मानी जाती हैं. यह कन्या पूजन नवरात्रि या दुर्गा पूजा का महत्वपूर्ण भाग है.

कन्या पूजन विधि

  • कन्या पूजन के लिए 2 से 10 साल तक की 9 कन्या को घर बुलाएं.

  • जब 9 कन्या घर पर पधारें, तो उनका स्वागत करें.

  • सबसे पहले उनके चरण धोएं.

  • आसान बिछा करे उन्हें उचित स्थान पर बैठाएं.

  • कन्याओं के माथे पर रोली लगाएं.

  • उनकी आरती करते हुए मां दुर्गा का ध्यान करें.

  • पूरी, हलवा और काले चने की सब्जी या इच्छा अनुसार भोजन कराएं.

  • भोजन के बाद 9 कन्या को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार दें.

  • पैर छूकर आशीर्वाद लें और उन्हें सम्मान के साथ विदा करें.

कन्या पूजन शुभ मुहूर्त

अष्टमी तिथि की शुरुआत 02 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 48 मिनट से हो रही जो  03 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 37 मिनट पर समाप्त हो रही है.

अमृत मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 44 मिनट तक

शुभ मुहूर्त- सुबह 9 बजकर 12 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक

चर - दोपहर 1 बजकर 39 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक

लाभ- दोपहर 3 बजकर 7 मिनट से 4 बजकर 36 मिनट तक

अमृत- शाम 4 बजकर 36 मिनट से शाम 6 बजकर 5 मिनट तक

महागौरी भोग

इस दिन मां को नारियल चढ़ाया जाता है। इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है.

महागौरी की कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां पार्वती ने शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अपने पूर्व जन्म में कठोर तपस्या की थी तथा शिव जी को पति स्वरूप प्राप्त किया था. शिव जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए मां ने जब कठोर तपस्या की थी तब मां गौरी का शरीर धूल मिट्टी से ढंककर मलिन यानि काला हो गया था. इसके बाद शंकर जी ने गंगाजल से मां का शरीर धोया था. तब गौरी जी का शरीर गौर व दैदीप्यमान हो गया. तब ये देवी महागौरी के नाम से विख्यात हुईं.

महागौरी पूजा का महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के रुप में मनाया जाता है. नवरात्रि में अष्टमी तिथि को महाष्टमी कहा जाता है. इस बार 13 अक्टूबर 2021 को अष्टमी तिथि पड़ रही है. इस दिन मां दुर्गा की महागौरी के रुप में पूजा होती है. इस दिन देवी के अस्त्रों के रुप में पूजा होती है इसलिए इसे कुछ लोग वीर अष्टमी भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और आपके सभी दुखों को दूर करती हैं.

महागौरी आरती

जय महागौरी जगत की माया ।

जय उमा भवानी जय महामाया ॥

हरिद्वार कनखल के पासा ।

महागौरी तेरा वहा निवास ॥

चंदेर्काली और ममता अम्बे

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥

भीमा देवी विमला माता

कोशकी देवी जग विखियाता ॥

हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥

सती 'सत' हवं कुंड मै था जलाया

उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥

बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥

तभी मां ने महागौरी नाम पाया

शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता

माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥

'चमन' बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो

महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥

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