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Maha Ashtami 2022: महाअष्टमी पर करें ये सरल उपाय, घर में आएंगी खुशियां और होगा आर्थिक लाभ

Maha Ashtami 2022: इस बार मां दुर्गा अष्टमी (Maa Durga Ashtami) 3 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी. इस दिन मां के पूजन के साथ ज्योतिष के कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी.

By Shaurya Punj | September 28, 2022 6:29 PM

Maha Ashtami 2022: नवरात्रि का त्योहार शुरु हो चुका है. अश्विन मास (Ashwin Month) के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (Shukla Paksha Ashtami) के दिन महाअष्टमी (Maha Ashtami) की जाने की परंपरा है. कहते हैं इस दिन घर पर कन्या को बुलाकर उनका पूजन किया जाता है और उन्हें भोजन आदि करवाया जाता है. इस बार मां दुर्गा अष्टमी (Maa Durga Ashtami) 3 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी. इस दिन मां के पूजन के साथ ज्योतिष के कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी.

1. नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी में सिक्के और बताशे रख कर चढ़ाएं.ऐसा करना चाहिए जिससे मां आपकी सभी मुरादें पूरी करती हैं.

2. इस दिन मां के पूजन के साथ ज्योतिष के कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करने से आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी.

3.नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा को लाल रंग की चुनरी में सिक्के और बताशे रख कर चढ़ाएं.ऐसा करना चाहिए जिससे मां आपकी सभी मुरादें पूरी करती हैं.

4. अष्टमी के दिन किसी सुहागिन स्त्री को लाल रंग की साड़ी और श्रृगांर का समान भेंट करें. हो सके तो एक चांदी का सिक्का भी दें, ऐसा करने से आपके घर परिवार में सुख- समृद्धि आएगी और साल भर घर में धन की आवक बनी रहेगी.

5. अष्टमी की तिथि पर पीपल के 11 पत्तों पर घी सिंदूर से भगवान राम का नाम लिख कर माला बनाएं. ये माला हनुमान जी को पहना दें. आपके घर से सभी तरह की आपदा और विपत्तियां दूर रहेंगी.

6. अष्टमी की तिथि पर पीपल के 11 पत्तों पर घी सिंदूर से भगवान राम का नाम लिख कर माला बनाएं. ये माला हनुमान जी को पहना दें. आपके घर से सभी तरह की आपदा और विपत्तियां दूर रहेंगी.

कन्या पूजन का महत्व

नवरात्रि में अष्टमी के दिन कन्या पूजन करना श्रेष्ठ माना जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि में कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं.

कन्या पूजन विधि

नवरात्रि में महाअष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. 2 से 10 साल तक आयु की कन्याओं के साथ ही एक लांगुरिया (छोटा लड़का) को पूरी, हलवा, चने की सब्जी आदि खिलाया जाता है. इसके बाद कन्याओं को तिलक करके, हाथ में मौली बांधकर, गिफ्ट-दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है.

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