Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से हो रही है. नवरात्रि में नौ दिनों की पूजा से पहले देवी दुर्गा का नाम लेते हुए कलश स्थापना करने और जवारे बोने की परंपरा है. जवारे बोने की सही विधि (Tips To Grow Jawara At Home) और नवरात्रि (Navratri 2022) में जवारे बोने का क्या महत्व है? जानने के लिए आगे पढ़ें.
जौ बोते समय इन बातों का रखें ध्यान
पृथ्वी पर उगायी जाने वाली सबसे पहली फसल जौ को ही माना जाता है. पृथ्वी को मां का दर्जा दिया गया है साथ ही धरती पर उगी पहली फसल जवारे को भी शास्त्रों में मां का ही एक रूप माना गया है. नवरात्रि में अलग-अलग घरों में जौ बोने का तरीका भी अलग-अलग होता है. कुछ लोग बालू में जौ डाल कर जवारे उगाते हैं तो कुछ लोग मिट्टी में. पंडित कौशल मिश्रा के अनुसार जानें जवारे बोने का सही तरीका क्या है और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है.
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नवरात्रि के जौ बोने की विधि (Navratri 2022 Jawara bone ki Vidhi)
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पूजा स्थल जहां पर जौ बोने जा रहे हैं, उसे पहले साफ करें और वहां चावल के कुछ दाने डाल दें.
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मिट्टी का एक शुद्ध पात्र लें. इसे स्वच्छ जल से साफ कर लें.
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अब इस पात्र में किसी पवित्र नदी की बालू डालें. बालू को अच्छी तरह से छान लें ताकि बालू में बड़े कंकड़-पत्थर न जायें.
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अब इस बालू में जौ के दाने डाल दें और अच्छी तरह से फैला कर बालू से ही हल्के-हल्के ढक दें.
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अब इसी पात्र में कलश स्थापना करें. कई लोग जौ के पात्र से अलग सपीप ही कलश की स्थापना करते हैं.
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ध्यान रखें कि नौ दिनों तक जौ वाले पात्र में नियमित रूप से जल अर्पित करते रहें. इसमें अत्यधिक जल न डालें, सीमित मात्र में जल का छिड़काव करें.
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यदि घर में चूहे हों तो जवारे के पात्र से चूहों को दूर रखने का विशेष इंतजाम करें क्योंकि चूहे जौ को खा जाते हैं और फिर जवारे नहीं उगेंगे.
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तीन दिन में जवारे नजर आने लगेंगे, पांचवें दिन तक अच्छी वृद्धि हो जायेंगी. ऐसे में मौली की मदद से उन्हें हल्के बांध दें इससे सपोर्ट मिलेगा और जवारे गिरेंगे नहीं.