Navratri 2022 Navami, Kanya Puja: आज 4 अक्टूबर को शरदीय नवरात्रि की नवमी तिथि है, जिसे महानवमी कहा जाता है. नवरात्र के नौवें दिन मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है. आश्विन शुक्ल अष्टमी को मां सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक आराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है.
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं
स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें
मां को रोली कुमकुम भी लगाएं
मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं
मां स्कंदमाता का अधिक से अधिक ध्यान करें।
मां की आरती अवश्य करें
ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 am से 05:27 am
अभिजित मुहूर्त- 11:46 am से 12:33 pm
विजय मुहूर्त- 02:08 pm से 02:55 pm
गोधूलि मुहूर्त- 05:52 pm से 06:16 pm
अमृत काल- 04:52 pm से 06:22 pm
रवि योग- पूरे दिन
शारदीय नवरात्रि में कन्याओं की पूजा करने से साक्षात् मा दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है. दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याएं मां दुर्गा का रूप होती हैं और उनके साथ एक छोटा बालक बटुक भैरव होते हैं. कन्या पूजन करने से परिवार की उन्नति होती है.
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अश्विन शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि नवरात्रि महोत्सव का समापन दिन होता है. इस दिन मां दुर्गा के नौवें रूप देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
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महानवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. नौ कन्याओं का इस दिन के भोजन के लिए आमंत्रित करना चाहिए. इन सभी को मां दुर्गा के नौ रूप मानकर पूजन किया जाता है. पूजन-भोजन के पश्चात नौ कन्याओं और एक बटुक(बालक) को उपहार भेंट करना चाहिए. कहते हैं कन्या पूजन से पूरे नवरात्रि की पूजा का दोगुना फल मिलता है.
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नवरात्रि की नवमी पर हवन करने का विधान है. इसमें देवी से सहस्त्रनामों का जाप करते हुए हवन में आहूति दी जाती है. मान्यता है नवमी पर हवन करने से नौ दिन के तप का फल कई गुना और शीघ्र प्राप्त होता है.
मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा अतिप्रिय है. मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री को नवमी पर इन चीजों का भोग लगाने से वह प्रसन्न होती हैं.