Maa Kalratri Ji Ki Aarti: कालरात्रि जय-जय-महाकाली, काल के मुह से बचाने वाली…नवरात्रि के सातवां दिन पढ़े व देखें ये आरती
Navratri Day 7 Aarti, Ambe Tu Hai Jagdambe Kali, Maa Kalratri Ji Ki Aarti: आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन यानी महासप्तमी है. नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने पर मां भक्तों की मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं.
Navratri Day 7 Aarti, Ambe Tu Hai Jagdambe Kali, Maa Kalratri Ji Ki Aarti: आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन यानी महासप्तमी है. नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि सप्तमी तिथि के दिन मां कालरात्रि की पूजा करने पर मां भक्तों की मन की सभी मुरादें पूरी करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि मां दुर्गा का यह रूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है. मान्यता है कि पूजा के दौरान अगर ये आरती और मंत्र नहीं पढ़ी जाती है तो कात्यायनी देवी की पूजा अधूरी रह जाती है…
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥
खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली मां जिसे बचाबे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि मां तेरी जय॥
मां कालरात्रि के मंत्र
https://youtu.be/xvCzwNItnDQ
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।।
वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।
Posted by: Radheshyam Kushwaha