बंबई उच्च न्यायालय ने आज अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी पूर्व पत्नी आलिया सिद्दीकी को उनके दो छोटे बच्चों के साथ तीन अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है. ऐसा इसलिए ताकि बच्चों की खातिर उनके मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने की संभावना तलाशी जा सके. अभिनेता ने अदालत से उनकी पूर्व पत्नी को उनकी 12 साल की बेटी और सात वर्षीय बेटे की जानकारी देने के संबंध में निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अभियुक्त की पेशी से संबंधित बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की पीठ अभिनेता की इसी याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दावा किया कि उनकी पत्नी बिना उन्हें सूचना दिए बच्चों को दुबई से भारत ले आई और इससे उनके बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है, क्योंकि वे स्कूल नहीं जा रहे हैं. पीठ ने आज अभिनेता, उनकी पूर्व पत्नी और उनके दोनों बच्चों को तीन अप्रैल को न्यायाधीश के चैम्बर में बंद कमरे में होने वाली सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा, ”हम बच्चों को लेकर चिंतित हैं… आइए सौहार्दपूर्ण समझौते की संभावना तलाशते हैं.”
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के वकील अदनान शेख ने पीठ को बताया कि इससे पहले उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रस्तावित सहमति की शर्त भेजी गई है. शेख ने कहा, ”हमने प्रस्तावित सहमति की शर्तें भेजी हैं. छह दिन हो चुके हैं, लेकिन हमें अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. ऐसा नहीं लगता कि वे समझौता चाहते हैं.” जैनब की ओर से पेश वकील चैतन्य पुराणकर ने हालांकि दलील दी कि वह भी मामले में समझौता करना चाहती हैं.