बड़े पर्दे पर 80 और 90 के दशक के सिनेमा का चलन वापस आ रहा है: नवाजुद्दीन सिद्दीकी

नवाजुद्दीन ने कहा कि उनका मानना था कि महामारी के दौरान कुछ बेहतरीन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा देखने के कारण दर्शकों की दिलचस्पी और पसंद में बदलाव आएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2022 7:32 PM

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का मानना ​​है कि एक्टर को भव्य तरीके से प्रस्तुत करने के चलन ने भारतीय सिनेमा में वापसी की है, हालांकि वह ऐसी फिल्मों के प्रशंसक नहीं हैं. नवाजुद्दीन ने कहा कि उनका मानना था कि महामारी के दौरान कुछ बेहतरीन क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा देखने के कारण दर्शकों की दिलचस्पी और पसंद में बदलाव आएगा.

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार रात टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकॉनोमिक कॉन्क्लेव में कहा, ”मुझे लगा कि लोगों ने महामारी के दौरान कोरियाई, स्पेनिश या मलयालम सिनेमा देखा है और जब थिएटर फिर से खुलेंगे, तो दर्शकों की पसंद में बदलाव आएगा.” उन्होंने कहा, ”आज 70, 80 और 90 के दशक के सिनेमा का चलन वापस आ रहा है. जैसे नायक की भव्य एंट्री, जिसपर लोग ‘वाह’ कहते हैं. नायक के परिचय दृश्य पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं. मुझे इस तरह का सिनेमा पसंद नहीं है.”

उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब हाल में बड़े पर्दे पर नायक पर केंद्रित कई फिल्में रिलीज हुई हैं, जिनमें अक्षय कुमार की ”सूर्यवंशी”, अल्लू अर्जुन की ”पुष्पा”, राम चरण और जूनियर एनटीआर की ”आरआरआर” और यश अभिनीत ”केजीएफ: चैप्टर 2” शामिल हैं. इन फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की है.

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टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, नवाजुद्दीन सिद्दीकी उनके मुताबिक पिछले दो साल की महामारी में दर्शकों को जिस तरह से विश्व सिनेमा देखने का मौका मिला, उससे उम्मीद की जा रही थी कि अब उनके पास कंटेंट का बेहतर जजमेंट होगा, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर जिस तरह की फिल्में बन रही हैं, उसे देखकर सही अब, ऐसा लगता है कि कुछ भी नहीं बदला है. इस साल ‘आरआरआर’, ‘द कश्मीर फाइल्स’ और अब ‘केजीएफ: चैप्टर 2’ जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पिछले साल, ‘पुष्पा: द राइज’ और ‘सूर्यवंशी’ ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसा ही कमाल किया था.

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