Bihar News: पिता-पुत्र की हत्या के बाद नक्सली फरमान- अंतिम संस्कार में नहीं हों शामिल, गवाही देने पर खैर नहीं
जमुई जिला के चकाई थाना क्षेत्र में बुधवार की रात नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए चौपाई हेंब्रम उसके पुत्र अर्जुन हेंब्रम की निर्मम हत्या कर दी थी. अब परिजनों को गवाही नहीं देने व ग्रामीणों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का फरमान जारी किया गया है.
जमुई जिला के चकाई थाना क्षेत्र में बुधवार की रात नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाते हुए चौपाई हेंब्रम उसके पुत्र अर्जुन हेंब्रम की निर्मम हत्या कर दी थी. अब परिजनों को गवाही नहीं देने व ग्रामीणों को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने का फरमान जारी किया गया है. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शव सौंप दिया. लेकिन अंतिम संस्कार के लिए नयी मुसीबत सामने आ गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार की रात करीब आधा दर्जन नक्सली बाइक पर सवार होकर फिर बाराजोर गांव पहुंचे. नक्सलियों ने मृतकों की अंत्योष्टि में शामिल होने वालों को परिणाम भुगतने की धमकी दी. जिसके बाद ग्रामीण डर की वजह से अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए. नक्सलियों ने शवों को छूने तक से मना कर दिया था. बताया जाता है कि रात करीब 11 बजे नक्सली गांव पहुंचे और ये फरमान सुनाया.
नक्सलियों के द्वारा मुखबिरी के आरोप में मौत के घाट उतारे गये पिता-पुत्र के शवों को लेकर जब पुलिस व एसएसबी की टीम शुक्रवार सुबह गांव पहुंची तो दोनों शवों को लेने एक भी ग्रामीण सामने नहीं आए. काफी समझाने के बाद पांच लोग आए और शव को लेकर गए. वहीं नक्सलियों ने चतुर एवं अर्जुन के परिजनों को पुनः धमकी दी है. उन्हें चेताया कि पुलिस के समक्ष कुछ भी बयान नहीं दें.
बता दें कि मारे गये पिता-पुत्र के परिजनों द्वारा सुनील मरांडी एवं उसके सहयोगियों का नाम पुलिस को बताए गया था. सूत्रों की मानें तो पुलिस के बाराजोर गांव से निकलते ही कुछ घंटे बाद नक्सलियों का समूह गांव फिर से पहुंचा और मृतक के परिजनों को पुलिस के समक्ष कुछ भी बयान नहीं देने का धमकी दिया अन्यथा चतुर एवं अर्जुन की तरह सजा भुगतने को तैयार रहने को कहा गया.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan