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Jharkhand: माओवादियों का तांडव, गिरिडीह में रेलवे ट्रैक व हजारीबाग में मोबाइल टावर का कंट्रोल रूम उड़ाया

Jharkhand News: माओवादी प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को राजनीतिक बंदी का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर नक्सलियों ने झारखंड में जमकर उत्पात मचाया है. गिरिडीह में रेलवे ट्रैक तो हजारीबाग में मोबाइल टावर के कंट्रोल रूम को उड़ा दिया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | January 28, 2022 8:23 AM

रांची : एक करोड़ के इनामी माओवादी पाेलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को राजनीतिक बंदी का दर्जा देने व इलाज कराने की मांग को लेकर 27 जनवरी को नक्सलियों ने बिहार-झारखंड बंद बुलाया था. इसी क्रम में गिरिडीह जिले के चिचाकी व करमाबाद स्टेशन के बीच बुधवार की रात करीब 12:26 बजे छह रेल स्लीपर व पटरी की चाबियां विस्फोट कर उड़ा दी.

इससे छह घंटे तक ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा. कई ट्रेनों का मार्ग बदला गया. इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई. विस्फोट की सूचना गैंगमैन द्वारा दिये जाने के बाद आलाधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके बाद रेल पटरी को दुरुस्त कर गुरुवार सुबह साढ़े छह बजे से ट्रेनों का परिचालन शुरू हो पाया.

बंदी से पूर्व प्रतिशोध सप्ताह के दौरान मंगलवार की देर रात हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत खरकी गांव में नक्सलियों ने मोबाइल टावर का कंट्रोल रूम बम से उड़ा दिया. बम िवस्फोट से आसपास के गांव के लोग सहम उठे. गिरिडीह, हजारीबाग व पश्चिम सिंहभूम में कई जगहों पर काले झंडे फहराये गये. नक्सलियों ने घटनास्थल पर पर्चे भी छोड़े हैं, जिसमें लिखा गया है कि अस्वस्थ माओवादी किशन दा को जेल में मारने की कोशिश बंद करें, माओवादियों को रिहा करो.

रेल पटरियों को बनाते रहे हैं निशाना

28 मई 2017 की रात 12.40 बजे गया-धनबाद रेल रूट पर हजारीबाग रोड स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक उड़ाया था.

15 अक्तूबर 2018 को भी नक्सलियों ने पारसनाथ और हजारीबाग रोड के बीच स्थित चौधरीबांध स्टेशन की पटरियों पर विस्फोट किया था.

विस्फोट की सूचना पर रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे. पटरी को दुरुस्त कर आवागमन गुरुवार सुबह साढ़े छह बजे शुरू किया जा सका. तब तक जगह-जगह ट्रेनें रुकी रहीं.

लंबी दूरी की बसें नहीं चली, कोयले की ढुलाई बाधित

सड़क यातायात की बात करें तो, लंबी दूरी की बसों का परिचालन रांची, गुमला, पलामू, सिमडेगा, लातेहार सहित अधिकांश नक्सल प्रभावित जगहों पर बाधित रहा. चतरा के पिपरवार क्षेत्र की अशोक परियोजना खदान से आरसीएम साइडिंग, केडीएच साइडिंग व सीएचपी से बचरा साइडिंग की कोयला ढुलाई बुधवार मध्य रात्रि से पूरी तरह ठप रही. रोड सेल के माध्यम से भी कोयले का उठाव नहीं हो सका.

यहां बाजार नहीं खुले :

गुमला के डुमरी, चैनपुर, जारी, रायडीह, पालकोट, बिशुनपुर, घाघरा, बसिया, कामडारा में नक्सली डर से बाजार नहीं खुले. पलामू के हैदरनगर, हरिहरगंज,पीपरा, पांडू, छतरपुर में दुकानें बंद रही़ लातेहार के महुआडांड़ में बाजार बंद रहा. पेट्रोल पंप व एसबीआइ बैंक भी बंद रहे.खूंटी के रनिया, मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र में बंद का व्यापक असर रहा.

गिरिडीह व चाईबासा में पोस्टरबाजी काले झंडे लगाये

गिरिडीह जिले में मंगलवार की रात डुमरी थाना क्षेत्र के अमरा पंचायत स्थित पंचायत सचिवालय, ससारखो पंचायत स्थित जीतपुर विद्यालय, निमियाघाट थाना क्षेत्र स्थित खैराटुंडा पंचायत के मटियोबेड़ा व बुधनडीह स्थिति उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के अलावा मधुबन थाना क्षेत्र के जयनगर व दालान चलकरी स्कूल में नक्सलियों ने काला झंडा लगाकर विरोध जताया.

26 जनवरी को बगोदर थाना क्षेत्र के खेतको के अलावा मडमो स्थित खरकी राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में भी काला झंडा लगाया. पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर, मनोहरपुर, गोइलकेरा व टोंटो में नक्सलियों ने कई जगहों पर पोस्टरबाजी की और बैनर लगाएं. हजारीबाग के विष्णुगढ़ प्रखंड के राजकीय उत्क्रमित मवि मड़मो में काला झंडा फहराया व परचा छोड़ा.

Posted By : Sameer Oraon

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