झारखंड: IED ब्लास्ट में CRPF के ASI घायल, हालत स्थिर, अब तक 25 जवान घायल व 10 ग्रामीणों की हो चुकी है मौत
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि अभियान के क्रम में ही सोमवार को गोईलकेरा थानांतर्गत कुईड़ा से हाथीबुरू के आसपास जंगली और पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के उद्देश्य से नक्सलियों ने पूर्व में लगाये गये आईईडी बम को विस्फोट कर दिया. इसमें एक एएसआई घायल हो गया. उसकी हालत स्थिर है.
चाईबासा, सुनील सिन्हा: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थानांतर्गत कुईडा से करीब एक किमी दूर हाथीबुरू जंगल में नक्सलियों द्वारा किये गये आईईडी बम विस्फोट में सीआरपीएफ 60 बटालियन के एएसआई देवेंद्र काकोटी घायल हो गये. उनका इलाज रांची में कराया जा रहा है. उनकी स्थिति स्थिर बतायी जा रही है. इधर, सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रखा है. इस दौरान नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिये लगाये एक प्रेशर बम बरामद किया गया है. आपको बता दें कि अब तक 25 जवान घायल हो चुके हैं. 10 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 5-6 ग्रामीण घायल हो चुके हैं.
घायल सीआईएसएफ के एएसआई की हालत स्थिर
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि अभियान के क्रम में ही सोमवार को गोईलकेरा थानांतर्गत कुईड़ा से हाथीबुरू के आसपास जंगली और पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के उद्देश्य से नक्सलियों ने पूर्व में लगाये गये आईईडी बम को विस्फोट कर दिया, जिससे सीआरपीएफ 60 बटालियन के सहायक अवर निरीक्षक देवेंद्र काकोटी को स्प्लिंटर लग गयी और वे जख्मी हो गये. पुलिस बल द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए तत्काल प्राथमिकी उपचार किया गया है. जख्मी पदाधिकारी की हालत स्थिर है.
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चार दिनों पहले हुई थी पुलिस की नक्सलियों से मुठभेड़
इस घटना करीब चार दिन पूर्व ही सुरक्षा बलों की मोछू दस्ते के करीब 22 नक्सलियों से मुठभेड़ हो चुकी है, जिसमें एक नक्सली के मारे जाने व एक के घायल होने की बात सामने आयी थी. हालांकि पुलिस न तो मृतक नक्सली का शव बरामद कर पायी है और ना ही घायल नक्सली ही ढूंढ पायी है. ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि नक्सली अपने मृत और घायल साथी को लेकर भाग निकले थे.
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हाथीबुरू से सुरक्षा बलों ने बरामद किया प्रेशर बम
इधर, पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के बाद सुरक्षाबलों द्वारा चलाये जा रहे अभियान के क्रम में गोइलकेरा थाना क्षेत्र के हाथीबुरू गांव के आसपास जंगली और पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से नक्सलियों द्वारा पूर्व में लगाये गये एक प्रेशर बम को बरामद किया गया है. जिसे सुरक्षा के लिहाज से बम निरोधक दस्ता द्वारा मौके पर ही नष्ट कर दिया गया है. इस अभियान दल में जिला पुलिस के झारखंड जगुआर, कोबरा 209 व 203 के अलावा सीआरपीएफ 197, 193, 174, 157, 134, 60, 26 व 07 बटालियन के जवान भी शामिल थे.
नक्सलियों के खिलाफ तीन माह से जारी है अभियान
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, चमन, कांडे, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि को लेकर भ्रमणशील है. उस सूचना के आलोक में 11 जनवरी से चाईबासा पुलिस, कोबरा 209, 203, 205 व झारखंड जगुआर एवं सीआरपीएफ 60, 197, 157, 174, 193, 07 व 26 बटालियन की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार अभियान संचालित किया जा रहा है. इसी क्रम में 27 मई से एक अभियान टोंटों थानांतर्गत तुम्बाहाका एवं अंजदबेड़ा गांव के सीमावर्त्ती क्षेत्र व गोईलकेरा थानांतर्गत कुईड़ा एवं मारादिरी गांव के सीमावर्त्ती क्षेत्र में शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों खिलाफ चलाये जा रहे अभियान को जारी रखा गया है.
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आईईडी की चपेट में आने से अब तक 25 जवान हो चुके हैं घायल
उल्लेखनीय है कि पिछले करीब चार साल से नक्सलियों ने टोंटो प्रखंड को अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा था. इसके साथ ही टोंटो के अलावा गोइलकेरा थाना क्षेत्र के जंगल के पास गांवों और पगडंडियों पर आईईडी प्रेशर बम एवं स्पाइक होल भी बिछा दिया था, जिसकी चपेट में आने से सुरक्षा बलों के दो दर्जनभर से ज्यादा करीब 25 जवान अब तक घायल हो चुके हैं.
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10 ग्रामीणों की जा चुकी है जान
आईईडी बम की चपेट में आने से 10 ग्रामीणों को जान भी गंवानी पड़ी है. आधा दर्जन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं. इसके अलावा मवेशियों की भी जानें जा चुकी हैं. ऐसे में जिला पुलिस व सुरक्षा बलों ने तुम्बाहाका में ताबड़तोड़ अभियान चलाना शुरू कर दिया. करीब एक माह तक लगातार चलाये गये अभियान का नतीजा यह हुआ कि नक्सलियों को अपना सुरक्षित ठिकाना छोड़कर वहां से भागना पड़ा और अब वे गोइलकेरा के जंगलों में भ्रमणशील हैं. टोंटो प्रखंड के तुम्बाहाका को नक्सली अपना हे क्वार्टर और सुरक्षित ठिकाना मानने लगे थे, लेकिन सुरक्षा बलों के चलाए अभियान से उन्हें झटका लगा है.