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दुर्दांत बालेश्वर ने अपने साथी नक्सली का सिर कर दिया था कलम, युवती ने छेड़खानी मामले में मांगा था इंसाफ

जमुई में सरेंडर करने वाले दुर्दांत नक्सली बालेश्वर कोड़ा की कहानियां काफी सुनाई जाती है. बालेश्वर किस तरह इंसाफ के लिए फैसला लेता रहा उसके बारे में जानें. जब अपने साथी नक्सली का सिर कलम कर दिया..

Bihar News: जमुई में नक्सली बालेश्वर कोड़ा के अपने साथियों के साथ आत्मसमर्पण किए जाने के बाद उसकी कई सारी कहानियां भी सामने आई है. संगठन में रहने के बावजूद भी नक्सली बालेश्वर कोड़ा के बारे में यह कहा जाता है कि वह काफी इंसाफ प्रिय था. हालांकि उसके इंसाफ का तरीका भी हिंसक था और उचित तो नहीं था, किंतु नक्सल संगठन में उसके बारे में कई सारी कहानियां बताई जाती है.

नक्सली ने महिला से की छेड़खानी

नक्सल सूत्रों ने बताया कि बालेश्वर कोड़ा के उसके व्यवहार और उसके कार्यों की वजह से संगठन में लगातार बड़ी जिम्मेदारियां मिलती रही. उन्होंने बताया कि एक दौरान ऐसा मामला आया था जब एक गांव में नक्सल संगठन के कुछ सदस्य आश्रय लेने पहुंचे थे. वहां जिस घर में वह रह रहे थे उस घर की एक महिला के साथ संगठन के कुछ सदस्यों ने छेड़छाड़ की थी और दुर्व्यवहार का प्रयास किया था. विरोध करने पर नक्सलियों ने महिला उसके पुत्र के साथ मारपीट भी की थी. ऐसे में उक्त महिला इसकी शिकायत लेकर बालेश्वर कोड़ा के पास पहुंची थी.

बालेश्वर कोड़ा की जनअदालत में फैसला

उस वक्त बालेश्वर कोड़ा संगठन में एरिया कमांडर के रूप में काम करता था और जिस समूह के सदस्यों ने महिला के साथ छेड़छाड़ की थी वह उसका ही गिरोह था. ऐसे में अगले ही दिन बालेश्वर अपने दस्ते के साथ उक्त गांव में पहुंच गया तथा देर शाम उसी महिला के घर के पास जनअदालत लगा दिया. जिसमें उसने ग्रामीणों और नक्सली संगठन के लोगों को बुलाकर मामले की सुनवाई की.

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बालेश्वर ने संगठन के सदस्य का सिर धड़ से अलग कर दिया

पूरा मामला सुनने समझने के बाद जब उसे यह यकीन हो गया कि महिला के द्वारा लगाए गए सारे आरोप सही हैं और नक्सल संगठन के सदस्यों का व्यवहार गलत है तब उसने फैसला सुनाते हुए लोगों के सामने संगठन के उन सदस्यों का सर कलम कर दिया था.

इसके बाद से संगठन के लोग बलेश्वर कोड़ा से डरने लगे थे और कुछ भी गलत करने से पहले वह सोचने लगे थे. हालाँकि धीरे-धीरे बालेश्वर कोड़ा संगठन में ऊपर जाता रहा और संगठन में लोगों को भर्ती करने तथा उन्हें उनके लिए हथियार और अन्य सामान की व्यवस्था करने लगा.

बालेश्वर कोड़ा के सरेंडर का प्रभाव

बालेश्वर कोड़ा के बारे में और भी कई कहानियां हैं जो संगठन में लोग अभी भी सुनाते हैं. उसके सरेंडर के बाद निश्चित संगठन को बड़ा झटका लगा है, जिसकी भरपाई करना उनके लिए मुमकिन नहीं है और यही कारण है कि जिला पुलिस इस सरेंडर पर फूले नहीं समा रही है. यह भी बता दें कि अब तक के इतिहास में जिन भी नक्सलियों ने सरेंडर किया है, उसमें से इससे पहले इस स्तर के या इससे बड़े स्तर के किसी भी नक्सली ने सरेंडर नहीं किया है.

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Posted By: Thakur Shaktilochan

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