छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने की एक ग्रामीण की हत्या, लगाया यह आरोप, पर्चा बरामद
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी. नक्सलियों ने पहले भी उसे मारने की धमकी दी थी. इसे लेकर पुलिस ने ग्रामीण को सुरक्षा भी प्रदान की थी, लेकिन कुछ दिन बाद उसने सुरक्षा लेने से मना कर दिया.
Chhattisgarh Naxal News: छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियां बढ़ती जा रही है. एक बार फिर नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ग्रामीण की पहचान कोमल मांझी के रूप में हुई है. वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि वह बीजेपी नेता थे. घटना छोटेडोंगर गांव की है. नक्सलियों ने शनिवार सुबह वारदात को अंजाम दिया. इस घटना के बाद पूरा समुदाय दहशत में है. पुलिस के मुताबिक, कोमल मांझी छोटेडोंगर गांव में एक देवी मंदिर से पूजा करके लौट रहा था, तभी अज्ञात नक्सलियों ने उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि मांझी छोटेडोंगर के एक लोकप्रिय वैद्यराज (पारंपरिक चिकित्सक) के भतीजे थे और दोनों (चाचा-भतीजे) को पहले भी नक्सलियों से जान से मारने की धमकी मिली थी.
कोमल मांझी को पहले भी मिली थी जान से मारने की धमकी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों से मिली धमकी के बाद, पिछले महीने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान, जिले के अंदरूनी इलाकों से कुछ लोगों को नारायणपुर मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था और उन्हें सुरक्षा में रखा गया था. इनमें कोमल मांझी और उनके चाचा भी थे. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद, दोनों अपने गांव लौट आए और सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया. इधर, घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस दल को मौके पर भेजा गया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. घटनास्थल से एक कथित माओवादी हस्तलिखित पर्चा बरामद किया गया है, जिसमें नक्सलियों ने कोमल मांझी पर आमदई घाटी लौह अयस्क खदान के लिए एजेंट के रूप में काम करने और भारी पैसा कमाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने कहा कि हमलावरों का पता लगाने के लिए उन्होंने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है.
लगातार वारदातों को अंजाम दे रहे हैं नक्सली
बता दें कि प्रदेश में आए दिन नक्सली वारदात होते रहते हैं. नक्सली कभी सुरक्षा बलों के जवानों को नुकसान पहुंचाते हैं, तो कभी ग्रामीणों को. इसी सप्ताह छत्तीसगढ़ के दांतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट किया था, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए थे. हालांकि, फौरन उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था और थोड़े ही देर में वे खतरे से बाहर आ गए थे. उससे पहले दंतेवाड़ा में ही नक्सलियों ने कंस्ट्रक्शन में लगे 14 वाहनों को आग लगा दी थी.
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