Gorakhpur : विकास प्राधिकरण ने नए गोरखपुर बसाने की कार्य योजना बनाई है. विकास के पथ पर तेजी से बढ़ रहे गोरखपुर में स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के लिए लोग यहां बसना चाह रहें हैं. जिसके दृष्टिगत बढ़ती जनसंख्या की आवासीय जरूरत को पूरा करने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने यह योजना बनाई हैं. जिसके लिए जमीन खरीदने के लिए शासन की तरफ से 3000 करोड़ रुपए दिए जाने हैं. जिसमें से प्रथम किस्त के रूप में 400 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं. जिसका शासनादेश भी जारी हो चुका है.
नया गोरखपुर बसाने की कवायद नवंबर 2022 में शुरू हुई थी. जीडीए उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद महेंद्र सिंह तंवर ने एक नए शहर की जरूरत महसूस की थी. गोरखपुर में बढ़ रही जनसंख्या को देखते हुए आवासीय एवं अन्य जरूरत पूरा करने के लिए इस कार्य योजना को बनाया गया था.
इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी दे दी हैं. शासन को गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 30 नवंबर 2022 को पहला पत्र भेजा गया था. पत्र में नया गोरखपुर के पक्ष में कई मजबूत तर्क दिए गए थे. इस पत्र के बाद कवायत आगे बढ़ी.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण नया गोरखपुर को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाएगा. 6000 एकड़ की इस ग्रीन फील्ड योजना यानी पूरी तरह से खाली जगह पर बसने वाली कॉलोनी पर करीब 17000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होने का पूर्वानुमान है. नया गोरखपुर बसने के बाद लगभग पांच लाख लोगों के घर का सपना पूरा हो सकेगा. उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की सुविधा भी रहेगी.
जीडीए उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई नया गोरखपुर की परिकल्पना मूर्त रूप लेने की ओर आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि शासन की ओर से जमीन अधिग्रहण के लिए प्रथम किश्त के रूप में 400 करोड़ रुपए जारी हो गए हैं. जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह योजना अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगी.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने शहर के उत्तर पूर्वी एवं पूर्वी क्षेत्र के 24 गांव की 6000 एकड़ जमीन चिन्हित की है. प्रथम किस्त मिलने के बाद जमीन अधिग्रहण की तैयारी तेज की जाएगी. जल्द ही मुआवजा की राशि भी निर्धारित हो सकती है. मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना यानी नया शहर प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 7 विकास प्राधिकरण के लिए 1000 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. और इसमें से सर्वाधिक 400 करोड़ रुपए गोरखपुर विकास प्राधिकरण को दिया गया हैं.
प्रथम किस्त मिलने के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण जमीन अधिग्रहण की तैयारी तेज कर देगा. जल्द ही मुआवजे की दर निर्धारित हो सकती हैं. इस पूरी योजना में गोरखपुर विकास प्राधिकरण को जमीन अधिग्रहण के लिए 3000 करोड़ रुपए मिलने है. यानी अभी 2600 करोड़ रुपए और मिलेंगे. गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से जिस क्षेत्र में जमीन चिन्हित की गई है. वह पूरी तरह से बाढ़ मुक्त है. बाढ़ प्रभावित गांव वहां से काफी दूर हैं.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर