कोलकाता/नयी दिल्ली: बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की वजह से राज्य छोड़कर असम पलायन करने वाले बच्चों पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने असम के धुबरी और कोकराझार जिले के प्राधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे उन शिविरों का दौरा करें, जहां पर खबर है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव परिणाम आने के पश्चात हिंसा के बाद वहां से भागकर आये बच्चे रह रहे हैं.
बाल आयोग ने प्राधिकारियों से इन बच्चों की संख्या और उनके द्वारा बतायी गयी प्रताड़ना की विस्तृत् रिपोर्ट जमा करने को कहा है, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके. बाल अधिकारों के शीर्ष निकाय ने जिलाधिकारियों को इन बच्चों का बयान दर्ज करने और जिन मामलों में उत्पीड़न हुआ है, उनमें जीरो एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. आयोग ने मीडिया में आयी खबरों और कुछ व्यक्तियों द्वारा दी गयी जानकारी पर संज्ञान लिया है.
जानकारी देने वालों की पहचान गुप्त रखी गयी है. आरोप है कि कई व्यक्तियों या राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर कई बच्चों और उनके परिवार के साथ हिंसा की और उनका उत्पीड़न किया. बंगाल में चुनाव के बाद सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हिंसा करने का आरोप लगाया है. वहीं, तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है.
बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मुद्दे पर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच ठन गयी है. लगातार तीसरी बार बंगाल की सत्ता पर काबिज होने वाली ममता बनर्जी की सरकार की मनाही के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हिंसाग्रस्त कूचबिहार जिला के कई इलाकों के अलावा असम के रनपगली कैंपों का दौरा किया, जहां बंगाल के लोगों ने शरण ले रखी है.
ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने इसके लिए राज्यपाल की आलोचना की है, जबकि श्री धनखड़ ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने हिंसा रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाये. राज्यपाल ने कहा कि संविधान की रक्षा, सुरक्षा और संरक्षण करना उनकी जिम्मेदारी है. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि ममता बनर्जी कहेंगी, तो पार्टी राज्यपाल को वापस बुलाने के लिए फिर से राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखेगी.
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Posted By: Mithilesh Jha