धनबाद : एनडीआरएफ की टीम भी नहीं खोज पायी बराकर में डूबे पुलिस चालक को
एनडीआरएफ टीम के जीतेंद्र ने बताया कि यदि जवान नदी में ही फंसा है तो ठंड के कारण बॉडी को ऊपर आने में 48 घंटा से ज्यादा का समय लग जाता है. यदि अनहोनी हो गयी है तो ठंड में बॉडी फूलती नहीं है, इसलिए परेशानी हो रही है.
धनबाद : साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए बराकर में गुरुवार को कूदे साइबर पुलिस के चालक संदीप मंडल (32) का पता शुक्रवार शाम तक नहीं चला है. उसे खोजने के लिए एनडीआरएफ की 14 सदस्यीय टीम ने बराकर नदी में खोजबीन की. लगातार खोज करने के बावजूद शाम तक कोई सुराग नहीं मिला. टीम के साथ स्थानीय ग्रामीण की टीम भी अस्थायी नाव से लगातार खोजने में जुटे रहे. बड़ी संख्या में आसपास के लोग भी बराकर नदी की दोनों तरफ जुटे थे. लापता जवान संदीप का बड़ा भाई सुदीप कुमार मंडल भी घटनास्थल पर मौजूद था. जानकारी के अनुसार पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के घटियाली गांव में संदीप का घर है. संदीप दो भाइयों में छोटा है. बड़ा भाई सुदीप मंडल सदर अस्पताल में मेडिकल विभाग में कार्यरत है. संदीप के पिता स्व. प्रभाकर मंडल बोकारो इस्पात संयंत्र के पूर्व कर्मचारी थे. माता का नाम परी रानी मंडल है.
नदी के बीच-बीच में चट्टान रहने के कारण खोजने में हो रही है दिक्कत
एनडीआरएफ टीम के जीतेंद्र ने बताया कि यदि जवान नदी में ही फंसा है तो ठंड के कारण बॉडी को ऊपर आने में 48 घंटा से ज्यादा का समय लग जाता है. यदि अनहोनी हो गयी है तो ठंड में बॉडी फूलती नहीं है, इसलिए परेशानी हो रही है. उन्होंने यह भी बताया कि पहाड़ी नदी में जहां-तहां बीच-बीच में पत्थर भी होने से खोजने में काफी दिक्कत हो रही है. नदी से बालू की अत्यधिक खनन होने से बड़ी-बड़ी चट्टानों की खोह में भी जवानों के फंसे होने की आशंका है. उस कारण बॉडी ऊपर नहीं आ पा रही है. वहां मौजूद लोग अनहोनी की तरह-तरह आशंका जता रहे थे. इस दौरान दिन भर घटनास्थल पर बीडीओ एसके चौरसिया, सीओ रवि कुमार, थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल कुजूर,अवर निरीक्षक रोहित रजक, मनियाडीह थाना प्रभारी पवन कुमार चौधरी, साइबर डीएसपी सुमित लकड़ा समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे.
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