Jharkhand News: जयपाल सिंह मुंडा के बाद झारखंड आंदोलन को गति देने वाले एनई होरो को कितना जानते हैं आप
Jharkhand News: झारखंड आंदोलनकारी एनई होरो तत्कालीन बिहार सरकार में योजना एवं जनसंपर्क मंत्री, शिक्षा मंत्री रहे. विधायक रहे और खूंटी लोकसभा से दो बार सांसद रहे.
Jharkhand News: झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन के अगुआ थे एनई होरो. आज (11 दिसंबर ) को उनकी पुण्यतिथि है. जयपाल सिंह मुंडा के बाद उन्होंने झारखंड आंदोलन का नेतृत्व कर इसे गति प्रदान किया था. झारखंड अलग राज्य के लिए संघर्ष करने वाले गांधीवादी नेताओं में होरो साहब का नाम शुमार है. एनई होरो का जन्म 31 मार्च 1925 को झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड के गोविंदपुर में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा बुरजु(मुरहू) में हुई थी. इसके बाद संत कोलंबस कॉलेज, हजारीबाग से स्नातक तथा छोटानागपुर लॉ कॉलेज लॉ की पढ़ाई की थी. इसके बाद गोस्नर हाईस्कूल, रांची में बतौर शिक्षक सेवा दी थी.
झारखंड पार्टी के अध्यक्ष जयपाल सिंह मुंडा 1962 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे तथा झारखंड पार्टी का कांग्रेस में विलय की घोषणा कर दी थी. एनई होरो ने झारखंड पार्टी का कांग्रेस में विलय के पूरजोर विरोध किया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी की कमान संभाली थी तथा झारखंड आंदोलन को आगे बढ़ाया था. एनई होरो सबसे पहले 1967 में कोलेबिरा विधानसभा से चुनाव लड़कर विधायक बने. 1968 में तत्कालीन बिहार सरकार में योजना एवं जनसंपर्क मंत्री तथा 1969 में शिक्षा मंत्री बने. इस दौरान उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई काम किये थे. खूंटी लोकसभा से दो बार सांसद रहे. इसके अलावा तोरपा विधानसभा से 1977 से 2000 तक लगातार विधायक चुने जाते रहे.
एनई होरो बिहार, बंगाल, ओड़िशा, मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों को मिलाकर वृहत झारखंड बनाने के हिमायती थे. इसके लिए उन्होंने 12 मार्च 1973 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मेमोरेंडम भी सौंपा था. इस दिन को झारखंड पार्टी झारखंड मांग दिवस के रूप में मनाती थी. स्व. होरो जीवनभर इस मांग के लिए लड़ते रहे. एनई होरो एक पत्रकार भी थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया था. उन्होंने हिंदी साप्ताहिक झारखंड टाइम्स, मुंडारी मासिक पत्रिका जगर साड़ा तथा मरसल का संपादन किया था. उन्होंने रेडियो पर जिदन सेन होरा कार्यक्रम का भी संचालन किया था.
रिपोर्ट: सतीश शर्मा