नीना गुप्ता ने फिल्मों पर लग रहे आरोपों पर कहा- अच्छी चीजें भी तो दिखाते हैं, उनसे प्रेरणा नहीं लेते?
श्रद्धा के मर्डर के कथित अपराधी आफताब पूनावाला ने उल्लेख किया था कि कैसे वह अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए फिल्मों और वेब शो, विशेष रूप से डेक्सटर से प्रेरित था. नीना गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पलटवार किया कि, यह सब व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे किससे प्रेरित होते हैं.
नीना गुप्ता और संजय मिश्रा की इमोशनल ड्रामा फिल्म ‘वध’ जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. दोनों दिग्गज कलाकार पति-पत्नी की भूमिका निभा रहे हैं जो एक हत्या के मामले में अचानक फंस जाते हैं. इसका ट्रेलर लगातार चर्चा में बना हुआ है. नीना गुप्ता ने साझा किया कि फिल्म दर्शकों को बांधे रखेगी क्योंकि वे सोचते रहेंगे कि आगे क्या होगा. इसके अलावा उन्होंने श्रद्धा वालकर मर्डर केस के बारे में भी बात की.
श्रद्धा मर्डर केस के बारे में कही ये बात
श्रद्धा के मर्डर के कथित अपराधी आफताब पूनावाला ने उल्लेख किया था कि कैसे वह अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए फिल्मों और वेब शो, विशेष रूप से डेक्सटर से प्रेरित था. नीना गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पलटवार किया कि, यह सब व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे किससे प्रेरित होते हैं. एक्ट्रेस ने कहा, “अच्छी चीजें भी तो दिखाते हैं, उनसे प्रेरणा नहीं होती. मां बाप के पैर दबाना तो नहीं सीखते. मुझे लगता है कि उन्हें यहां (सिर की ओर इशारे) एक समस्या है, और डॉक्टर की जरूरत है. यह कहना बहुत ही लचर बात है कि वे पर्दे पर कुछ देखकर प्रेरित हुए.”
फिल्में दर्शाती हैं कि समाज में क्या हो रहा है
हाल ही में ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जब हिंसा को महिमामंडित करने के लिए सिनेमा की आलोचना की गई है. हालांकि नीना गुप्ता ने दावों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी कला की तरह, फिल्में दर्शाती हैं कि समाज में क्या हो रहा है. उन्होंने कहा, “चाहे वह फिल्में हों, शो हों या यहां तक कि पेंटिंग, यह सब दिखाती है कि हमारे आसपास क्या हो रहा है. आपको क्या लगता है कि सास-बहू के शो इतने अच्छे क्यों चले? सभी महिलाओं ने खुशी महसूस की कि और लोग भी हैं जो अपने परिवारों में समान समस्याओं से गुजर रहे हैं. उन्होंने कनेक्ट किया. चारों ओर हिंसा हो रही है. अब जब समलैंगिक संबंधों को लेकर बातचीत हो रही है तो लोग उन कहानियों को स्क्रीन पर भी बता रहे हैं. हमारी फिल्म किसी भी तरह से इसका प्रचार नहीं कर रही है.”
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संजय मिश्रा ने वध को लेकर कही ये बात
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में संजय मिश्रा ने कहा कि, उनकी फिल्म वध में हिंसा एक भावनात्मक बिंदु से आती है. एक उदाहरण देते हुए उन्होंने साझा किया, “हो सकता है कि आप एक सुखी जीवन जी रहे हों, लेकिन कभी-कभी आप किसी ऐसी चीज़ की ओर आकर्षित हो सकते हैं जहाँ कोई दूसरा रास्ता नहीं है. एक शाकाहारी होने की कल्पना करें और एक ऐसे विदेशी देश की यात्रा करें जहां कोई शाकाहारी भोजन उपलब्ध न हो. आपको जीवित रहने के लिए कदम उठाना होगा और मांसाहारी खाना खाना होगा. एक बार फिल्म देखने के बाद आपको एहसास होगा कि इसमें महिमामंडन करने का कोई जरिया नहीं है.” गौरतलब है कि फिल्म 9 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.