नीरज चोपड़ा नई तकनीक पर कर रहे हैं काम, 90 मीटर की बाधा पार करना एक मात्र लक्ष्य
भारत के स्टार भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा अब तक 90 मीटर का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं, लेकिन वह जल्द ही इस मुकाम को हासिल कर लेंगे. चोपड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह नई तकनीक पर काम कर रहे हैं और उम्मीद है उससे फायदा होगा.
ओलंपिक और विश्व चैंपियन भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को साफ तौर पर कहा कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है और अपनी तकनीक में सुधार करके वह अगले साल 90 मीटर की बाधा पार कर सकते हैं.
इस साल विश्व चैंपियन बने नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने हाल ही में हांगझोउ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता.
चोपड़ा ने ‘आप्टिमम न्यूट्रीशन’ से जुड़ने की घोषणा के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभी बाकी है. मुझे लंबे समय तक किसी प्रतिस्पर्धा में यह महसूस नहीं हुआ कि यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है या उसके आसपास है.’
उन्होंने कहा, ‘छह सेंटीमीटर हासिल किया जा सकता है. स्टॉकहोम डायमंड लीग (जून 2022) में 89.94 मीटर का थ्रो फेंका था. उस समय मैं एक लाइन पीछे था. अगर थोड़ा आगे बढ़कर थ्रो फेंकता तो 90 मीटर जाता.’
उन्होंने कहा, ‘मेरे कोच का मानना है कि 60 प्रतिशत काम टांग का और बाकी ऊपरी शरीर का होता है. पैरों की भूमिका अहम है. मुझे इसमें सुधार करना होगा.’
चोपड़ा ने कहा, ‘लचीलेपन की कोई दिक्कत नहीं है. हाथ की रफ्तार अच्छी है. अगले साल अपनी तकनीक पर काम करूंगा. सब कुछ ठीक रहा और 100 प्रतिशत फिट रहा तो पेरिस ओलंपिक में प्रदर्शन अच्छा रहेगा.’
उन्होंने स्वीकार किया कि हांगझोउ एशियाई खेलों में उनकी तकनीक अपेक्षा के अनुरूप नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘हांगझोउ एशियाई खेलों में मेरी तकनीक ठीक नहीं थी. लेगवर्क अच्छा नहीं था लेकिन भुजाओं की रफ्तार अच्छी थी.’