धनबाद: झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के पति व पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या से जुड़े एक दूसरे मामले में कोर्ट ने सोमवार को सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया. मामला रिटायर्ड वैज्ञानिक राम आह्लाद राय के कुसुम विहार स्थित मकान के एक कमरे को किराये पर लेकर शूटरों को ठहराने से जुड़ा है. पुलिस आरोपियों के विरुद्ध षड्यंत्र के तहत पहचान छुपाकर हत्या के लिए शूटर ठहराने का आरोप साबित नहीं कर सकी.
इस केस में अभियोजन अनुसंधानकर्ता अरविंद कुमार समेत किसी गवाह की गवाही नहीं करा सका. सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष बारा की अदालत ने फैसला सुनाते हुए जेल में बंद डब्लू मिश्रा, लाइजनर पंकज कुमार सिंह, शूटर अमन सिंह, सोनू उर्फ कुर्बान अली, चंदन सिंह उर्फ रोहित सिंह व सागर सिंह उर्फ शिबू को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया.
जेल में बंद डब्लू मिश्रा, पंकज सिंह व सागर सिंह उर्फ शिबू ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 (A) के तहत आवेदन दायर कर कहा था कि भादवि की धारा 419 में तीन साल की सजा है, जबकि वे लोग पांच साल से जेल में बंद हैं. तीनों आरोपी 19 अगस्त, 2017 से न्यायिक हिरासत में हैं. इस आवेदन पर अभियोजन पक्ष से सहायक लोक अभियोजक सुमित प्रकाश व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मो जावेद, पंकज प्रसाद व केके तिवारी ने बहस की थी.