धनबाद के नीरज तिवारी हत्याकांड में शूटरों का अब तक नहीं चला पता, संदिग्धों के ठिकानों पर पुलिस की बढ़ी दबिश
धनबाद के नीरज तिवारी हत्याकांड मामले में पुलिस शूटरों की अब तक पता नहीं लगा पायी है. खोजी कुत्ता को भी लगाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. इधर, पुलिस संदिग्धों के संभावित ठिकानों पर भी लगातार दबिश दे रही है.
Jharkhand Crime News (कतरास, धनबाद) : झारखंड के धनबाद जिला अंतर्गत कतरास भगत मुहल्ला निवासी नीरज तिवारी हत्याकांड में अब तक शूटरों का पता नहीं चला है. पुलिस संदिग्धों के संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है. इस दौरान घटनास्थल के पास से CISF का खोजी कुत्ता भी लाया गया, लेकिन पुलिस को निराशा ही हाथ लगी. वहीं, पुलिस ने शूटर आशीष रंजन के घर पर भी छापामारी की.
इधर, रविवार को BCCL कोयला भवन से CISF का खोजी कुत्ता मंगवाया गया. राजस्थानी धर्मशाला के पास सिंहजी यादव की चाय दुकान, जहां नीरज को गोली मारी गयी थी, यहां से खोजी कुत्ता धीरे-धीरे राजस्थानी धर्मशाला के पीछे चला गया. उसके बाद कुत्ता यहां से आगे नहीं बढ़ा.
बता दें कि राजस्थानी धर्मशाला के पीछे रोहित गुप्ता का आवास है. उसके आवास तक खोजी कुत्ता नहीं पहुंचा. घंटों मशक्कत करने के बाद भी खोजी कुत्ता टस से मस तक नहीं हुआ. इसके बाद खोजी कुत्ता को वापस भेज दिया गया. इसके अलावा कतरास पुलिस घटनास्थल के ईर्द-गिर्द ठेला, खोमचा, जलेबी, समोसा आदि बेचने वाले दुकानदारों से भी पूछताछ की गयी. पुलिस को अब तक बाईक का भी पता नहीं चला है, जिससे शूटर आये थे. नीरज के साथ कोयला के धंधे से जुड़े कारोबारियों को भी बुलाकर पूछताछ की गयी.
इधर, कतरास पुलिस लगातार संभावित इलाकों में दबिश दे रही है. लेकिन, कुछ ठोस सुराग पुलिस को अब तक हाथ नहीं लग पायी है. नीरज की हत्या के आरोप में घायल अशर्फी और रौनक गुप्ता का इलाज पुलिस कस्टडी में निचितपुर क्लिनिक में चल रहा है.
इस मामले में पुलिस को धनबाद के हीरापुर जेसी मल्लिक रोड निवासी शूटर आशीष रंजन पर पुलिस की शक की सूई घूम रही है. पुलिस सूत्रों से पता चला है कि मोबाइल लोकेशन की ट्रेस में आशीष रंजन जद में है. हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है.
बता दें कि आशीष रंजन बलियापुर में समीर मंडल हत्याकांड में शूटर रहा है. इसके बाद से वह पुलिस पकड़ से बाहर है. आशीष रंजन के माता-पिता से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है. इधर, आशीष के हीरापुर के जेसी मल्लिक रोड स्थित आवास में बाघमारा SDPO निशा मुर्मू की अगुवाई में गठित SIT की टीम ने रविवार दोपहर को दबिश दी. लेकिन, वहां नहीं मिला.
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पुलिस घंटों आशीष रंजन के आवास में रुकी. आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गयी. फिर शाम को टीम ने बलियापुर के उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी, पर पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. टीम रविवार की रात 9 बजे बैरंग वापस लौट गयी. बता दें कि आशीष रंजन रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद अमन सिंह गिरोह के लिए काम करता है. रौनक गुप्ता भी शूटर अमन सिंह का खास है. रौनक अमन के लिए कई लोगों को फोन पर धमकी भी दे चुका है.
Posted By : Samir Ranjan.