NEET, JEE Main Exam 2020 : कोलकाता : NEET- UG और JEE- Main की परीक्षा का विरोध करने एवं प्रधानमंत्री पर केवल अपनी मन की बात करने और छात्रों की आवाज नहीं सुनने के तृणमूल सुप्रीमो एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Hemant Soren) के आरोपों पर भाजपा महासचिव एवं प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने जवाबी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य की मुखिया को छात्रों के भविष्य की चिंता को छोड़ अपनी कुर्सी की चिंता अधिक है. इसी कारण इन परीक्षाओं का विरोध कर रही है.
श्री विजयवर्गीय ने कहा कि विद्यार्थियों का भविष्य बनाना सरकार की जवाबदारी है. हम परीक्षा नहीं करवा कर बच्चों के एक साल का भविष्य खराब नहीं कर सकते हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है. उस निर्देश का पालन किया जा रहा है. सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं करना चाहिए. कोई सही विकल्प हो, तो विकल्प पर चर्चा करनी चाहिए.
लेकिन, दुर्भाग्य से वर्तमान में प्रजातंत्र के अंदर रचानात्मक विरोध होना चाहिए, पर यह विरोध जो विरोधी दलों द्वारा हो रहे हैं. वह बहुत ही खतरनाक दिशा में चला गया है. ऐसा विरोध होता है, जिससे हमारे दुश्मन देश को फायदा होता है. ऐसा विरोध होता है, जिसमें देश की चिंता नहीं होती है. केवल अपने दल की चिंता और अपनी कुर्सी की चिंता होती है.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों का दायित्व है. राजनीति देश और समाज के लिए युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए करें, तो उचित होगा. सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना उचित नहीं है. प्रधानमंत्री पर एकतरफा निर्णय लेने के आरोप पर श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मैं समझता हूं कि जीएसटी परिषद बनी है. जीएसटी परिषद में कोई भी ऐसा निर्णय नहीं हुआ, जो सर्वसम्मति से नहीं हुआ हो.
कोविड को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जितने भी निर्णय लिए सभी दल के मुख्यमंत्रियों को साथ लेकर और सभी से चर्चा करके किया. प्रजातांत्रिक संघीय ढ़ांचे का जितना सम्मान मोदी जी ने किया, उतना किसी ने नहीं किया. संघीय ढांचे के उल्लंघन के आरोप पर श्री विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में प्रजातांत्रिक शक्तियों को जितना नुकसान पहुंचाया जा रहा है, उतना किसी भी राज्य में नहीं. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा सर्वविदित है.
उन्होंने कहा कि विरोधी दलों को उनका राजनीतिक और प्रजातांत्रिक अधिकार छीना जा रहा है. कार्यकर्ताओं को डराया- धमकाया जा रहा है और विरोध करने पर मामले लाद दिये जा रहे हैं. भाजपा के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी है और पुलिस और प्रशासन की मदद से हत्या को आत्महत्या का जामा पहना दिया जाता है.
Posted By : Samir Ranjan.