NEET Controversy : NEET पर मचा बवाल नहीं हो रहा शांत, ताबड़तोड़ याचिकाओं के बीच एनटीए ने रखा अपना पक्ष

NEET की परीक्षा परिणाम पर लागतार सवाल उठ रहे है. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. इसमें अब NTA ने भी अपना पक्ष रखा है.

By Kushal Singh | June 13, 2024 12:28 PM

NEET Controversy : बढ़ती उम्र से साथ जैसे जैसे हर छात्र का सपना होता है कि वह स्कूल के बाद अच्छे कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करे. छात्र बचपन से डॉक्टर बनने का सपना देखते है और 10 वीं के बाद कड़ी मेहनत करके सरकारी मेडिकल कॉलेज की प्रवेश परीक्षा देते है. भारत में इस परीक्षा को एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है. विद्यार्थी साल भर इस परीक्षा की तैयारी करते है. बता दें इनमे से बहुत से छात्र बड़ी बड़ी कोचिंग संस्थान में मोटी रकम जमा करके तैयारी करते हैं. जब परीक्षा निष्पक्षता और ईमानदारी से आयोजित नहीं होती तो उन छात्रों का हौसला टूट जाता है. बहुत से छात्र अवसाद में आकर गलत कदम उठाते है तो कई तो निराश होकर आत्महत्या करने का फैसला ले लेते है. चूंकि परीक्षा में धांधली या गड़बड़ी से उनका हौसला टूट जाता है. इस साल की नीट परीक्षा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है.
इस 5 मई 2024 को जब नीट की परीक्षा अयोजित हुई थी. इस परीक्षा में कुल 23 लाख 33 हजार 297 परीक्षार्थी ने भाग लिया था. फिर 4 जून को नतीजे आए, तो इस परीक्षा में कुल 13 लाख 16 हजार 268 अभ्‍यर्थी पास हुए. पर इसके परिणाम को लेकर विवाद हो गया है.

जाने, NEET – UG 2024 से जुड़ा पूरा विवाद

सबसे अधिक बवाल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यानी NEET का रिजल्‍ट आने के बाद मचा है. NTA द्वारा आयोजित NEET – UG 2024 के परिणाम में 67 कैंडिडेट्स को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए है. यानी पूरे 100 फ़ीसदी अंक. इनमें एक ही एग्जाम सेंटर से 6 टॉपर्स होने की बात भी सामने आई. इतना ही नहीं इस परीक्षा में कुछ परीक्षार्थियों के नंबर 718 और 719 तक आए, जानकारों का कहना है कि परीक्षा की प्रक्रिया के अनुसार ऐसा संभव नहीं है. इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. इसके साथ ही परीक्षा में 1563 को ग्रेस मार्क्स दिए जाने का प्रकरण सामने आया है. जिसकी वजह से अब NTA विवाद के घेरे में आ गया है. NTA के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में अब तक कई याचिकाएं भी दायर की जा चुकी है. इसके अतिरिक्त कुछ छात्रों ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. 11 जून को इन मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने और री-एग्जाम का आदेश जारी करने से अभी इनकार कर दिया है. आगे कोर्ट ने कहा कि वो NTA की दलील भी सुनना चाहेंगे उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुचेंगे.अब आगे देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट मामले में क्या फैसला सुनाता है.

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NTA ने अपना पक्ष रखते हुए, दिए छात्रों के सवालों के जवाब

लागतार उठ रहे सवालों के बीच NTA ने जवाब दिया है. कई छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने वाले मुद्दे को लेकर NTA ने कहा कि ग्रेस मार्क्स सिर्फ 1563 उम्मीदवारों को ही दिए गए हैं. NTA के अनुसार इन छात्रों की परीक्षा शुरू होने में देरी हुई थी. इसीलिए लॉस ऑफ टाइम की वजह से इन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. आगे सवालों का जवाब देते हुए NTA ने यह भी बताया कि नीट यूजी की परीक्षा केसमय लॉस ऑफ टाइम के लिए ग्रेस मार्क्स दिए जाने के मामलों पर फिर से विचार करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है. आगे एक फटी हुई ओएमआर शीट को लेकर भी NTA ने अपना पक्ष रखा है. एजेंसी ने स्पष्ट किया कि कोई भी फटी हुई OMR आंसर शीट आधिकारिक NTA आईडी के माध्यम से नहीं भेजी गई थी. रिकॉर्ड के अनुसार ओएमआर आंसर शीट सही है और उसमें मिले अंक भी सही है.

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