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Jharkhand News: झारखंड में नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज प्रोजेक्ट को क्यों रद्द कराना चाहते हैं आंदोलनकारी

Jharkhand News: केंद्रीय जन संघर्ष समिति की हेनरी तिर्की ने कहा कि नेतरहाट फायरिंग रेंज आंदोलन पिछले 28 वर्षों से चल रहा है और इसी आंदोलन का प्रतिफल है कि आज यहां रूटीन तोपाभ्यास को बंद कराया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2021 5:52 PM
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Jharkhand News: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग को लेकर केंद्रीय जनसंघर्ष समिति के तत्वावधान में देश के अन्य 14 राज्यों से आए सामाजिक संगठन एवं जन आंदोलन के प्रतिनिधियों की बैठक संपन्न हुई. केंद्रीय जन संघर्ष समिति की हेनरी तिर्की ने आंदोलन के ऐतिहासिक संघर्ष के बारे में अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि नेतरहाट फायरिंग रेंज आंदोलन पिछले 28 वर्षों से चल रहा है और इसी आंदोलन का प्रतिफल है कि आज यहां रूटीन तोपाभ्यास को बंद कराया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय जनसंघर्ष समिति के आंदोलन के दम पर ही झारखंड सरकार से फायरिंग रेंज प्रोजेक्ट को रद्द कराएंगे.

सरकारी अफसरों और वन विभाग की मनमानी को निशाना बनाते हुए लोगों ने राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की और झारखंड में पेसा कानून और वन अधिकार कानून को मजबूती से लागू करवाने का निर्णय लिया गया. पठार क्षेत्र में हो रहे बॉक्साइट खनन से होने वाले पर्यावरणीय दुष्प्रभावों पर चिंता जताई गई, वहीं ओड़िशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के लोगों ने अपने क्षेत्र में खनन से हो रहे दुष्प्रभाव का अनुभव साझा किया. लोगों ने आशंका व्यक्त की कि 11 मई 2022 तक प्रोजेक्ट को फिर से अधिसूचित करने का प्रयास किया जा सकता है. इसलिए फायरिंग रेंज को डी-नोटिफाई करने के लिए क्षेत्र की ग्राम सभाएं अपनी ओर से प्रस्ताव पारित करने वाले हैं, जिसमें अपनी मांग रखते हुए पेसा कानून के अंतर्गत प्रोजेक्ट को रद्द करने का प्रस्ताव ग्राम सभाएं राष्ट्रपति, राज्यपाल और सभी संबंधित अधिकारियों को भेजें.

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केंद्रीय जनसंघर्ष समिति के सचिव जेरोम जेराल्ड, सर्वहारा जन आन्दोलन, महाराष्ट्र, कष्टकारी जन आन्दोलन, महाराष्ट्र, श्रमजीवी संगठना और मानवी हक्का अभियान, महाराष्ट्र,जन जागरण शक्ति संगठन, बिहार, आदिवासी किसान मजदूर मुक्ति वाहिनी, बिहार,मजदूर किसान समिति, बिहार, जनमुक्ति संघर्ष समिति, बिहार, विस्थापित मुक्ति वाहिनी, झारखण्ड,दलित आदिवासी मंच, छत्तीसगढ़,बार-नवापारा अभ्यरण संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़,हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति, छत्तीसगढ़,छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन,गाँव गणराज्य संगठन, छत्तीसगढ़,आदिवासी चेतना संगठन, ओडिशा,मलयगिरी आदिवासी संघर्ष मंच, ओडिशा,आदिम आदिवासी मुक्ति मंच, ओडिशा,जिंदाबाद संगठन,ओडिशा,सर्व सेवा संघ, उत्तर प्रदेश,दिशा संगठन, उत्तर प्रदेश,अवध पीपलस फोरम, उत्तर प्रदेश,तोसा मैदान बचाओ फ्रंट, कश्मीर,किसान सभा, हिमाचल प्रदेश,माटी संगठन, उत्तराखंड,वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड,दिल्ली यंग आर्टिस्ट फोरम, दिल्ली,लोकाधिकार संगठन, दिल्ली,वी. टी. एम. एस., तमिलनाडु,किसान संघर्ष समिति, मध्य प्रदेश,बुंदेलखंड मजदूर किसान शक्ति संगठन, मध्य प्रदेश,आधारशिला शिक्षण केंद्र, मध्य प्रदेश,नवजीवन, आंध्र प्रदेश,हम किसान संगठन, राजस्थान,खेतिहर खान मज़दूर शक्ति संगठन, राजस्थान के सदस्य बैठक में शामिल हुए.

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रिपोर्ट: वसीम अख्तर

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