नेतरहाट स्कूल में सिर्फ 27 शिक्षक, 19 की नियुक्ति एक साल से लटकी, जानें क्यों नहीं हो रही है बहाली

नेतरहाट आवासीय विद्यालय में 19 शिक्षकों की नियुक्ति बीते 1 साल से लटकी है. अभी सिर्फ 19 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जिस वजह से विद्यालय का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है. विद्यालय में शिक्षकों के 47 पद स्वीकृत हैं

By Sameer Oraon | October 8, 2022 11:19 AM

रांची: नेतरहाट आवासीय विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पिछले एक साल से प्रक्रिया चल रही है. आवेदन जमा होने के एक वर्ष बाद भी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है. पिछले वर्ष अक्तूबर में विद्यालय में 19 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन लिया गया था. इस दौरान विद्यालय के एक और शिक्षक सेवानिवृत्त हो गये. वहीं एक शिक्षक इस वर्ष नवंबर में सेवानिवृत्त हो जायेंगे. शिक्षकों की कमी से विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है.

विद्यालय में शिक्षकों के 47 पद स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 27 ही कार्यरत हैं. पिछले वर्ष 19 पद के लिए लगभग 1650 अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था. नियुक्ति नहीं होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक साल के लिए संविदा पर पांच शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. विद्यालय में तृतीय वर्ग के कर्मियों के पद भी रिक्त हैं. विद्यालय में थर्ड ग्रेड के कर्मियों के 46 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 30 कर्मियों के पद रिक्त हैं. इससे विद्यालय का कामकाज प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा प्रायोगिक कक्षा के लिए प्रयोगशाला सहायक भी नहीं हैं.

समिति के सदस्यों के लिए भी लिया गया था आवेदन :

विद्यालय के सामान्य निकाय व कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के मनोनयन की प्रक्रिया एक वर्ष पहले शुरू हुई थी. पिछले वर्ष इसके लिए आवेदन जमा लिया गया था. सदस्यों के मनोनयन के लिए कमेटी भी गठित की गयी थी, पर इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.

क्यों नहीं हो रही शिक्षकों की नियुक्ति  

विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति कार्यकारिणी समिति की देखरेख में होती है. कार्यकारिणी समिति के मनोनीत सदस्यों का पद रिक्त है. समित में चार सदस्यों का मनोनयन किया जाता है. सदस्यों का पद 20 जून 2020 से रिक्त है. कार्यकारिणी समिति में राष्ट्रीय स्तर के एक शिक्षाविद, नेतरहाट विद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य/शिक्षक के लिए एक व नेतरहाट विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों के लिए दो पद हैं. शिक्षकों की नियुक्ति से लेकर अन्य नीतिगत निर्णय समिति ही लेती है. समिति में सदस्यों का पद रिक्त होने के कारण शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है.

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