कानपुरः उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत प्रदेश में गंगा, यमुना और नदियों पर 10 नए बड़े पुलों के बनाने की तैयारी पीडब्ल्यूडी ने शुरू कर दी है. प्रस्तावित पुलों की उपयोगिता, कितनी बड़ी आबादी को लाभ, कनेक्टिविटी, गुजरने वाले वाहनों की अनुमानित संख्या का अध्ययन शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इन पुलों का शिलान्यास करा दिया जाएगा. गंगा पर पुल बनाए जाने के प्रस्ताव क्षेत्रीय सांसदों व विधायकों ने दिए हैं.
कानपुर के सरसैया घाट पर गंगा में पुल बनाने के लिए कानपुर की आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अमिताभ बाजपेयी ने व गंगा बैराज के पास पुल की सिफारिश सांसद सत्यदेव पचौरी ने की है. वहीं फतेहपुर की खागा विधानसभा में राजेश सिंह चौहान ने भी सिफारिश की है.
बता दें कि प्रदेश भर में कुल 12 बड़े पुलों को बनाने का प्रस्ताव है. जिनमें अयोध्या में सरयू नदी, बाराबंकी के रामनगर में सरयू नदी, पीलीभीत के पूरनपुर में शारदा नदी पर दो पुल, शाहजहांपुर में रामगंगा व बैंगूल नदी, जालौन के कालपी में यमुना, झांसी के गरौठा में बेतवा नदी, कुशीनगर के खड्डा में नारायणी नदी, महाराजगंज के सिसवां में छोटी गंडक, हमीरपुर में बेतवा, औरैया के दिबियापुर में यमुना के साथ ही फतेहपुर के खागा में यमुना नदी पर नए पुल के प्रस्ताव दिए गए हैं.
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पुलों की कुल अनुमानित लागत करीब 7051 करोड़ रुपये है. वहीं राज्यमंत्री पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि नदियों पर 22 बड़े पुल प्रस्तावित हैं. पुलों के निर्माण से पूर्व उपयोगिता व लाभान्वित होने वाली आबादी का अध्ययन कराया जा रहा है. यह भी देखा जा रहा है कि कौन से प्रमुख मार्ग जुड़ेंगे. अध्ययन रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने को कहा गया है.