CBSE Syllabus: सीबीएसई ने नर्सरी से क्लास 2 तक के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा लागू की
CBSE Syllabus: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रविवार को घोषणा की कि वह शैक्षणिक सत्र 2023-24 से फाउंडेशन स्टेज- 2022 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा को अपना रहा है. सीबीएसई से जुड़े स्कूलों को मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2023-24 से नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशन स्टेज लागू करने को कहा है.
CBSE Syllabus: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने रविवार को घोषणा की है कि वह शैक्षणिक सत्र 2023-24 से फाउंडेशन स्टेज- 2022 के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा को अपना रहा है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई से जुड़े स्कूलों को मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2023-24 से नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर फाउंडेशन स्टेज (एनसीएफएफएस) लागू करने को कहा है. अब, आधारभूत चरण (नर्सरी से कक्षा 2 तक) में पांच साल की शिक्षा की नई संरचना को सत्र 2023-24 में उन सीबीएसई स्कूलों में पेश किया जाएगा, जो 3-8 वर्ष की आयु के छात्रों को मूलभूत स्तर पर शिक्षा दे रहे हैं .
सिलेबस घटाने वाली कमेटी
सीबीएसई बोर्ड की ओर से जल्द ही सिलेबस घटाने की जानकारी जारी की जाएगी. सिलेबस घटाने के लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों ने नौवीं से 12वीं के पाठ्यक्रम में कटौती के लिए नया प्लान बनाया है. सिलेबस घटाने वाली कमेटी ने अलग अलग राज्यों, स्कूलों में मैनेजमेंट,अभिभावकों, शिक्षाविद और शिक्षकों के सुझाव लिए हैं.
सिलेबस घटने के बाद नए सिलेबस से पढ़ाई
माना जा रहा कि कि 50 लाख से अधिक छात्रों लिए पाठ्यक्रम घटाने का फैसला महत्वपूर्ण होगा. सिलेबस कम होना स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर बेहतक अच्छा असर डालेगा. इससे स्टूडेंट्स नए सिलेबस से पढ़ाई कर सकेंगे. साथ ही उनका करिकुलम और एग्जाम घटे हुए पाठ्यक्रम के आधार पर ही होंगे.
CBSE adopts National Curriculum Framework for Foundation Stage from 2023-24
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#CBSE #nationalcurriculumframework #foundationstage pic.twitter.com/3FGHc01Lbb— ANI Digital (@ani_digital) March 20, 2023
एक अन्य प्रमुख अपडेट में, सीबीएसई ने स्कूलों को 1 अप्रैल से पहले अपना शैक्षणिक सत्र शुरू करने की चेतावनी दी है. बोर्ड ने स्कूलों के शैक्षणिक सत्र को जल्दी शुरू करने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है क्योंकि इसमें जीवन कौशल, मूल्य शिक्षा, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा, कार्य शिक्षा और सामुदायिक सेवा, जो शिक्षाविदों की तरह ही महत्वपूर्ण हैं.