नए साल में नई उम्मीदें : 2024 में IIT-ISM की NIRF रैंकिंग में सुधार की आस, हो रहा है ये काम
नया वर्ष आईआईटी आईएसएम के लिए उम्मीदों का साल है. प्रबंधन इस वर्ष अपने नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में सुधार लाने के लिए पूरी मेहनत कर रहा है.
नया वर्ष आईआईटी आईएसएम के लिए उम्मीदों का साल है. प्रबंधन इस वर्ष अपने नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) में सुधार लाने के लिए पूरी मेहनत कर रहा है. 2023 में आइआइटी आइएसएम इंजीयरिंग संस्थानों के श्रेणी में देश भर में 17वें स्थान पर था. संस्थान ने इस वर्ष एनआइआरएफ रैंकिंग को टॉप 10 इंजीनियरिंग संस्थान में शामिल करने का लक्ष्य रखा है. संस्थान को इस वर्ष रैकिंग में सुधार की पूरी उम्मीद है. इसके साथ ही माइनिंग इंजीनियरिंग की पढ़ाई के मामले में संस्थान का दबदबा नये वर्ष में बरकरार रहेगा. इस वर्ष संस्थान इस श्रेणी में वर्ल्ड क्यूएस रैंकिंग में और सुधार करने के लिए प्रयास कर रहा है. 2023 में इस श्रेणी में संस्थान की वैश्विक रैंकिंग 25 है. इस वर्ष इसे 20 के करीब लाने की उम्मीद की जा रही है.
निरसा कैंपस में शुरू होगा काम
नये वर्ष में आईआईटी आईएसएम का निरसा स्थित सेकेंड कैंपस का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा. इस कैंपस को संस्थान स्किल डेवलपमेंट सेंटर के रूप में विकसित करेगा. इसके साथ ही इस कैंपस को हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर (एचवीआइसी) के रूप में विकसित किया जायेगा. यहां प्रति वर्ष पांच मिलियन मिट्रिक टन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जायेगा. एचवीआइसी की स्थापना सेंटर फॉर हाइड्रोजन एंड कार्बन कैप्चर स्टोरेज एंड यूटिलाइजेशन टेक्नोलॉजीज (सीएचसीसीयूएसटी) की एक टीम द्वारा की जा रही है. आइआइटी (आइएसएम) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर संदीपन कुमार दास बनाये गये हैं.
मिलेंगे नये निदेशक
आईआईटी आईएसएम में पिछले छह माह से स्थायी निदेशक नहीं है. उम्मीद की जा रही है कि नये वर्ष के शुरुआत में ही संस्थान को उसका नया निदेशक मिल जायेगा.
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