New Sim Card Rule: आज से हो रहा सिम खरीदने और बेचने के नियमों में बदलाव, जानें क्या हैं नये रूल्स
Sim Card New Rules: आज से देश में सिम कार्ड बेचने और खरीदने के नियमों को लेकर बदलाव किये गए हैं. चलिए जानते हैं आखिर क्या है ये नियम.
Sim Card Buying and Selling Rules: आज यानी 1 दिसंबर से देश में सिम खरीदने और बेचने के नियमो को लेकर कई तरह के बदलाव किये गए हैं. यह बदलाव भारत दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा किये जा रहे है और इसके लिए तैयारियां भी पूरी कर ली गयी हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें इन नियमों की घोषणा 1 अगस्त को की गयी थी लेकिन, इन्हें लागू करने में दिसंबर तक का समय लग गया.
नये नियमों का क्या है मकसद: इन नये नियमों को लागू करने के पीछे सरकार का मकसद सिम स्वैप स्कैम, नकली सिम और अन्य ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे स्कैम्स से बचाव करना है. ये नये सिम कार्ड के नियम और इसके साथ ही नये सिम कार्ड जारी किया जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. चलिए इन नियमों के बारे में डीटेल से जान लेते हैं.
ई-केवाईसी को लेकर बदलाव: अपने पुराने नंबर से नये सिम लेने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए अब ई-केवाईसी या डिजिटल केवाईसी कराना अनिवार्य हो गया है. इसका सीधा मतलब है कि, अब आप नया सिम कार्ड लेने के लिए सिर्फ अपनी आईडी प्रूफ की कॉपी नहीं देनी होगी.
बल्क में सिम कार्ड: जारी किया गए ये नियम बल्क में सिम कार्ड जारी करने पर भी रोक लगाता है. जबकि, बिजनेसमैन अभी भी बल्क में सिम खरीद सकते हैं. रेगुलर यूजर को एक ही आईडी पर नौ सिम खरीदने की लिमिट होगी.
बंद सिम को जारी करना: नये नियमों को लागू करने के बाद जिन सिम कार्ड्स को बंद कर दिया गया है उन सभी को 90 दिनों के लिए दोबारा जारी नहीं किया जाएगा. ऐसा होने की वजह से ग्राहक को किसी और को सिम जारी होने की चिंता किए बिना उसे दोबारा एक्टिव करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा. बंद या चोरी हुए सिम को किसी भी अन्य यूजर को 3 महीने के बाद ही जारी किया जाएगा.
सिम डीलर की होगी वेरिफिकेशन: आज से सिर्फ ऑथोराइज्ड डीलर ही ग्राहकों को सिम कार्ड जारी कर सकेंगे. इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि बायर्स को एक जरूरी वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना पड़े. बता दें आज से संदिग्ध लोगों को सिम कार्ड जारी करने से रोकने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटरों को फ्रेंचाइजी, डिस्ट्रीब्यूटर और पॉइंट-ऑफ-सेल एजेंट्स को रजिस्टर्ड करना जरूरी होगा. बिना रजिस्ट्रेशन जारी करने में शामिल लोगों को 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.