पश्चिम बंगाल में कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन बीएफ-7 को लेकर केंद्र एवं राज्य स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव पर राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. इसी बीच राज्य में बीएफ-7 के 10 मरीज पाये जाने से टेंशन और बढ़ गयी है. कोरोना के इस नये वेरिएंट से लड़ने के लिए राज्य सरकार ने 307.76 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. प्रत्येक जिले के दो अस्पतालों में दो स्थायी कोविड वार्ड तैयार किये जायेंगे. साथ ही कोरोना संक्रमित बच्चों की हार्ट सर्जरी के लिए राज्य के सबसे बड़े अस्पताल एसएसकेएम में विशेष व्यवस्था की गयी है.
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कोविड का नया वैरिएंट बीएफ 7 अत्यधिक संक्रामक बताया जा रहा है. हालांकि, चिकित्सकों का यह भी कहना है कि अब तक इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. लेकिन इतना पता चला है कि यह काफी तेजी से फैलता है, जो चिंता की बात है. बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ मानस गुंमटा ने बताया कि बीएफ-7 ओमिक्रोन के वैरिएंट बीए-5 का सब वैरिएंट है. इसमें संक्रमण की व्यापक क्षमता होती है और इसकी इनक्यूबेशन अवधि कम होती है. इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह उन लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है, जिन्हें कोविड वैक्सीन लग चुकी है. हालांकि, वैक्सीन ले चुके लोग यदि संक्रमित हुए भी तो उनकी हालत ज्यादा गंभीर नहीं होगी. बीएफ 7 श्वांस तंत्र के ऊपरी हिस्से को संक्रमित करता है. इसके लक्षण बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, कमजोरी और थकावट आदि हैं. कुछ लोगों को उल्टी और दस्त भी होता है. बीएफ 7 से संक्रमित एक व्यक्ति 10 से 18 लोगों को संक्रमित कर सकता है.
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बेलेघाटा आइडी के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ यूके भ्रद ने बताया कि बीएफ-7 के लक्षण पहले मिले वैरिएंट की तरह ही है. इसमें बुखार, गले में खराश, थकान, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं. शरीर में दर्द इस वैरिएंट का मुख्य लक्षण बताया जा रहा है.
कोरोना संक्रमित बच्चों की हार्ट सर्जरी के लिए एसएसकेएम (पीजी) अस्पताल में विशेष व्यवस्था की गयी है. इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश जारी किया है. पेडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी के लिए पीजी के कार्डियो थोरेसिक वैस्कुल साइंसेस विभाग में एक न्योनेटल वेंटिलेटर एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन, एक कार्डियक मॉनिटर और एक मोबाइल डिजिटल रेडियोग्राफ की व्यवस्था रहेगी. न्योनेटल वेंटिलेटर एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन की व्यवस्था हो चुकी है. उपकरणों की खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 22 लाख रुपये आवंटित किये हैं.
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ रबिन दत्ता ने बताया कि कोरोना के नये वैरिएंट का प्रसार अधिक होगा पर मृत्युदर कम रहेगी. क्योंकि देश में अधिकतर लोगों को वैक्सीन लग चुका है. वैक्सीन सुरक्षा कवच का कार्य करेगी. इसलिए देश में इस बार कोविड का असर कम रहेगा.