New Year 2021 : झुमरीतिलैया : झारखंड के कोडरमा जिले का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तिलैया डैम इन दिनों नए साल के स्वागत को लेकर सैलानियों के लिए तैयार है. हालांकि, राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के चंदवारा प्रखंड स्थित उरवां मोड़ से करीब छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस जगह पर नए साल के आगमन से पूर्व ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. लोग यहां पिकनिक का आनंद ले रहे हैं. यहां की हसीन वादियां लोगों को लुभा रही हैं. सैलानियों की भीड़ से नाविकों के चेहरे खिल उठे हैं.
जानकारी के अनुसार वर्ष 1953 में बने डैम के चारों ओर बेशुमार पेड़-पौधे और लबालब पानी यहां की मनोरम वादियों में चार चांद लगाते हैं. साथ ही यहां बोटिंग की सुविधा है. तिलैया डैम का प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां की मनोरम वादियों में लोग खो जाते हैं. वैसे तो डैम की खूबसूरत वादियों का सैर सपाटा करनेवाले सैलानियों के आने-जाने का क्रम सालों भर लगा रहता है, लेकिन दिसंबर-जनवरी के ठंड के दिनों में इसका मजा ही कुछ और है.
इन दिनों यह स्थान पिकनिक स्पॉट के रूप में सैलानियों से गुलजार दिख रहा है. यहां पहुंच रहे लोग डैम में विभिन्न प्रकार के विदेशी पक्षियों की अठखेलियों को भी मजा ले रहे हैं. इसके अलावा सैलानियों को यहां के डबल डेकर बोट पर नौका विहार भी आकर्षित कर रहा है. 36 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस डैम में कोरोना काल में हुए लॉकडाउन के समय एक तरह से सन्नाटा था, पर अब धीरे-धीरे रौनक लौटने लगी है. यही कारण है कि नाविकों को अपनी स्थिति में सुधार की उम्मीद है. हालांकि, नाविकों की मानें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल दिसंबर माह में सैलानियों के आने में 40 से 50 प्रतिसत तक कमी आई है. वहीं जो पर्यटक यहां घूमने आ भी रहे हैं, वे यहां सुविधाओं की कमी से नाखुश दिख रहे हैं.
बेशक प्रकृति की गोद में बसा तिलैया डैम दिनों दिन बेहतर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित हो रहा है, पर सरकार व पर्यटन विभाग के उदासीन रवैये के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटकों के लिए यहां न तो कोई अच्छी कैंटीन है और न ही शौचालय की उचित व्यवस्था है. कहने को तो यहां शौचालय जरूर बना है, पर निर्माण के बाद से ही यहां ताला लटका रहता है. विभिन्न जिलों से घुमने पहुंचे पर्यटकों ने तिलैया डैम में व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार से ध्यान देने की जरूरत बताई है. पर्यटकों ने कहा कि अगर सरकार यहां प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाने और यहां की कमियों को दूर करने का प्रयास करे तो यह डैम न सिर्फ एक अच्छा पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित होगा, बल्कि सरकार को यहां से अच्छा राजस्व भी मिलेगा.
बिहार के वारसलीगंज निवासी प्रदीप कुमार बरहपुरिया ने बताया कितिलैया डैम का नाम तो बहुत सुने थे. आज यहां घूमने का मौका भी मिला. डैम का मनोरम दृश्य तो हमलोगों को आकर्षित कर रहा है, लेकिन यहां न तो सही से पीने की पानी की व्यवस्था है और न ही साफ सफाई की कुछ खास व्यवस्था दिख रही है. इन चीजों पर थोड़ा ध्यान देने की जरूरत है. बिहार के वारसलीगंज निवासी रूबी देवी ने कहा कि तिलैया डैम की खूबसूरती तो वाकई में काफी आकर्षित करती है. डैम के पानी में बोटिंग का मजा ही अलग रहा. लॉकडाउन के लंबे समय के बाद कहीं परिवार के साथ घूमने निकले हैं. ऐसे में यहां की मनोरम वादियों में पिकनिक मनाने का मजा काफी अच्छा रहा. हालांकि, यहां अगर कुछ खाने-पीने की व्यवस्था होती तो और अच्छा होता.
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धनबाद के राकेश गुप्ता ने कहा कि धनबाद के मैथन डैम तो बहुत बार घूम चुके हैं. आज पहली बार तिलैया डैम घूमने आए हैं. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य तो हमलोगों को लुभा रहा है, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों के लिए कम से कम प्रबंधक द्वारा शौचालय की व्यवस्था कराना अनिवार्य था. इसके अलावा अन्य सुविधाएं भी बहाल होंगी तो पर्यटकों को आसानी होगी. धनबाद की रीमा भदानी ने कहा कि अपने परिवार के साथ तिलैया डैम की मनोरम वादियों में पिकनिक मनाने आए हैं. बोटिंग भी किए काफी अच्छा लगा, लेकिन यहां पर फास्ट फूड आदि का स्टॉल लगाने की व्यवस्था तो कम से कम होनी चाहिए थी. छोटे बच्चों को काफी परेशानी होती है.
स्थानीय निवासी लालू प्रसाद वर्मा कहते हैं कि तिलैया डैम पर्यटन के क्षेत्र में काफी अच्छा विकल्प है, लेकिन सरकार को इसके प्रति ध्यान देने की जरूरत है. डैम में बीटिंग के अलावा कुछ नहीं बचा है. एक पार्क बना था वो भी आज सूखा पड़ा है. अगर सरकार ध्यान दे तो यहां मनोरंजन के लिए अच्छा पार्क और म्यूजियम बनाया जा सकता है. इससे सरकार को राजस्व के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे.
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नाविक सियालाल यादव ने कहा कि नए साल में डैम घूमने आने वाले पर्यटकों को बोटिंग में कोई समस्या न हो इसको लेकर हम सभी पूरी तैयारी कर रखे हैं. बोटिंग करने वाले पर्यटकों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से लाइफ जैकेट के साथ ही सैनिटाइजेसन की भी व्यवस्था है. कोरोना काल में हमलोगों को काफी नुकसान हुआ है. नए साल में आने वाले पर्यटकों से हमें काफी उम्मीदें हैं. दुकान संचालक सहदेव मोदी ने कहा कि जिले के पर्यटन स्थलों में सबसे ज्यादा चर्चित व खूबसूरती से भरा तिलैया डैम में अब कुछ खास नहीं रह गया है. पिछले 40 वर्षों से यहां दुकान चला रहे हैं. यहां घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं होती है. सरकार को यहां पर सुविधाओं के विकास के लिए ठोस काम करने की जरूरत है, ताकि हम जैसों का रोजी रोजगार बचा रहे.
Posted By : Guru Swarup Mishra