New Year 2021 : झारखंड के नेतरहाट में सनराइज व सनसेट प्वाइंट के अलावा भी हैं कई मनोरम स्थल, देखिए खूबसूरत तस्वीरें
New Year 2021 : लातेहार (आशीष टैगोर) : अपनी नैसर्गिक खूबसूरती व दिलकश आबोहवा के कारण मशहूर नेतरहाट नववर्ष में सैलानियों का स्वागत करने के लिए तैयार है. नेतरहाट के सभी सरकारी व निजी होटलों के कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं, लेकिन यहां आने वाले कम ही लोग जानते हैं कि नेतरहाट में सनसेट और सनराइज के अलावा कई ऐसे भी दर्शनीय स्थल हैं, जिनका अगर दीदार नहीं किया तो आपकी नेतरहाट की यात्रा अधूरी रहेगी. प्रकृति के बेहद करीब अवस्थित ये स्थल नेतरहाट की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.
New Year 2021 : लातेहार (आशीष टैगोर) : अपनी नैसर्गिक खूबसूरती व दिलकश आबोहवा के कारण मशहूर नेतरहाट नववर्ष में सैलानियों का स्वागत करने के लिए तैयार है. नेतरहाट के सभी सरकारी व निजी होटलों के कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं, लेकिन यहां आने वाले कम ही लोग जानते हैं कि नेतरहाट में सनसेट और सनराइज के अलावा कई ऐसे भी दर्शनीय स्थल हैं, जिनका अगर दीदार नहीं किया तो आपकी नेतरहाट की यात्रा अधूरी रहेगी. प्रकृति के बेहद करीब अवस्थित ये स्थल नेतरहाट की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं.
अपर घघरी जलप्रपात- नेतरहाट स्थित पलामू डाक बंगला से मात्र पांच किलोमीटर की दूरी पर घाघरी नदी के तट पर स्थित है अपर घाघरी जलप्रपात. अपर घघरी जलप्रपात नये साल का आगाज करने के लिए एक माकूल जगह है. पक्षियों के कलरव व घने वनों के बीच कलकल बहता जलप्रपात का पानी इसकी प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगा देता है. नेतरहाट से यहां बस या अन्य वाहनों से पहुंचा जा सकता है.
लोअर घाघरी जलप्रपात- अपर घघरी जलप्रपात से पांच किलोमीटर की ही दूरी पर अवस्थित है लोअर घाघरी जलप्रपात. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींचती है. यहां तकरीबन 200 फीट की ऊंचाई से यहां पानी गिरता है. यहां छोटे वाहनों से ही पहुंचा जा सकता है. तकरीबन दो किलोमीटर की घाटी एवं घुमावदार रास्ते से गुजर कर यहां पहुंचा जा सकता है.
Also Read: Bank Holiday in Jharkhand 2021 : झारखंड में नये साल में 45 दिन बंद रहेंगे बैंक, देखिए जनवरी से दिसंबर 2021 तक की छुट्टियों की पूरी लिस्टकोयल व्यू प्वाइंट- नेतरहाट बस स्टैंड से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर चीड़ के वनों के बीच स्थित कोयल व्यू प्वाइंट तफरीह के लिए एक माकूल जगह है. कोयल नदी इस स्थल से पांच किलोमीटर की दूरी पर नीचे घाटी में प्रवाहित होती है. जब पर्वत शिखरों के पीछे से उगते हुए सूर्य की किरणें कोयल नदी की जलधारा पर पड़ती हैं, तो एक मनोहारी दृश्य उत्पन्न होता है. चांदनी रात में नदी की रजत जलधारा देख कर लोग वाह-वाह कह उठते हैं.
Also Read: Lalu Prasad Yadav : अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मिलने रिम्स पहुंचे बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादवनाशपाती बागान- नेतरहाट वन विश्रामागर के पीछे अवस्थित है नेतरहाट का नाशपाती बागान. यहां प्रति वर्ष लाखों टन नाशपाती का उत्पादन होता है. यहां से नाशपातियों को बंगाल, महाराष्ट्र व दिल्ली आदि जगहों में भेजा जाता है. फरवरी के महीने में नाशपाती के पेड़ों में फूल आते हैं और जुलाई माह के बाद फल टूटने लगते हैं. यह भी एक मनोरम स्थल है.
शैले हाउस- लाट साहेब का बंगला के नाम से मशहूर शैले हाउस काष्ठ कला का अद्भूत नमूना है, शैले का शाब्दिक अर्थ होता है लकड़ी से निर्मित इमारत. इसका निर्माण वर्ष 1901 में किया गया था. बाद में जिला प्रशासन के द्वारा इसका सुंदरीकरण कराया गया है. यहां उपायुक्त, लातेहार का कैंप कार्यालय भी है.
Also Read: नये साल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जायेंगे झारखंड के पांच आईपीएस, अधिकारियों की कमी से प्रभार में चल रहे कई पदमैग्नोलिया प्वाइंट- बताया जाता है कि शैले में ठहरने वाले तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर की बेटी मैग्नोलिया ने नेतरहाट की वादियों में बांसुरी बजाने वाले एक गड़ेरिये को अपना दिल दे बैठी थी. गवर्नर को जब इसका पता चला तो उसने उस गड़ेरिया की हत्या करा दी. अपने प्रेमी की हत्या से आहत मैग्लोनिया ने बटुआटोली स्थित सनसेट प्वाइंट (पहाड़ी) से 3600 फीट नीचे अपने घोड़े सहित छलांग लगा कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी. इसके बाद इस जगह को मैग्लोनिया प्वाइंट का नाम दिया गया.
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