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New Year 2022: झारखंड के कश्मीर नेतरहाट की वादियों में मनाएं नये साल का जश्न, इसके बिना अधूरी है यात्रा

New Year 2022: पहली जनवरी को लेकर नेतरहाट के सभी सरकारी व प्राइवेट होटलों के कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं, लेकिन यहां आने वाले कम ही लोग जानते हैं कि नेतरहाट मे सनसेट और सनराइज के अलावा कई ऐसे भी दर्शनीय स्थल हैं, जिनका अगर दीदार नहीं किया तो आपकी नेतरहाट की यात्रा अधूरी रहेगी.

New Year 2022: दिलकश वादियां तथा आबोहवा के कारण ही नेतरहाट को झारखंड का कश्मीर कहा जाता है. यूं तो यहां सालोंभर खुशनुमा मौसम रहने के कारण सैलानियों का तांता लगा रहता है, लेकिन नव वर्ष के मौके पर यहां सैलानियों की काफी भीड़ रहती है. यही कारण है कि पहली जनवरी को लेकर नेतरहाट के सभी सरकारी व प्राइवेट होटलों के कमरे पहले ही बुक हो चुके हैं, लेकिन यहां आने वाले कम ही लोग जानते हैं कि नेतरहाट मे सनसेट और सनराइज के अलावा कई ऐसे भी दर्शनीय स्थल हैं, जिनका अगर दीदार नहीं किया तो आपकी नेतरहाट की यात्रा अधूरी रहेगी.

अपर घाघरी जलप्रपात- पलामू डाक बंगला से मात्र पांच किलोमीटर की दूरी पर घाघरी नदी के तट पर स्थित है अपर घाघरी जलप्रपात. अपर घाघरी जलप्रपात नये साल का आगाज करने के लिए एक माकूल जगह है. पंक्षियों का कलरव व घने वनों के बीच कलकल बहता जलप्रपात इसकी प्राकृतिक सौंदर्य में चार चांद लगाता है. नेतरहाट से यहां बस या अन्य वाहनों से पहुंचा जा सकता है.

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लोअर घाघरी जलप्रपात- अपर घाघरी जलप्रपात से पांच किलोमीटर की ही दूरी पर अवस्थित है लोअर घाघरी जलप्रपात. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींचती है. यहां तकरीबन 200 फीट की ऊंचाई से यहां पानी गिरता है. यहां छोटे वाहनों से ही पहुंचा जा सकता है. तकरीबन दो किलोमीटर की घाटी एवं घुमावदार रास्ते से गुजर कर यहां पहुंचा जा सकता है.

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कोयल व्यू प्वाइंट- नेतरहाट बस स्टैंड से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर चीड़ के वनों के बीच स्थित कोयल व्यू प्वाइंट तफरीह के लिए एक माकूल जगह है. कोयल नदी इस स्थल से पांच किलोमीटर की दूरी पर नीचे घाटी में प्रवाहित होती है. जब पर्वत शिखरों के पीछे से उगते सूर्य की किरणें कोयल नदी की जल धरा पर पड़ती है तो एक मनोहारी दृश्य उत्पन्न होता है. चांदनी रात में नदी की रजत जलधारा देख कर लोग वाह-वाह कह उठते हैं.

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नाशपाती बागान- नेतरहाट वन विश्रामागर के पीछे अवस्थित है नेतरहाट का नाशपाती बागान. यहां प्रति वर्ष लाखों टन नाशपाती का उत्पादन होता है. यहां से नाशपातियों को बंगाल, महाराष्ट्र व दिल्ली आदि जगहों में भेजा जाता है. फरवरी के महीने में नाशपाती के पेड़ों में फूल आते हैं और जुलाई माह के बाद फल टूटने लगते हैं. यह भी एक मनोरम स्थल है.

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शैले हाउस- लाट साहेब का बंगला के नाम से मशहूर शैले हाउस काष्ठ कला का अद्भुत नमूना है. शैले का शाब्दिक अर्थ होता है लकड़ी से निर्मित इमारत. इसका निर्माण वर्ष 1901 में किया गया था. बाद में जिला प्रशासन के द्वारा इसका सौंदर्यीकरण कराया गया है. यहां उपायुक्त, लातेहार का कैंप कार्यालय भी है.

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मैग्नोलिया प्वाइंट- लोक चर्चाओं में प्रचलित है कि शैले में ठहरने वाले तत्कालीन ब्रिटिश गवर्नर की बेटी मैग्नोलिया ने नेतरहाट की वादियों में बांसुरी बजाने वाले एक गड़ेरिये को अपना दिल दे बैठी थी. गवर्नर को जब इसका पता चला तो उसने उस गड़ेरिया की हत्या करा दी थी. अपने प्रेमी की हत्या से आहत मैग्लोनिया ने बटुआटोली स्थित सनसेट प्वाइंट (पहाड़ी) से 3600 फीट नीचे अपने घोड़े सहित छलांग लगा कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी. इसके बाद इस जगह को मैग्लोनिया प्वाइंट का नाम दिया गया.

रिपोर्ट: आशीष टैगोर

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