New Year 2022: अगर आप नये साल का आगाज प्रकृति की गोद में करना चाहते हैं तो लोध फॉल से माकूल और कोई जगह नहीं हो सकती है. झारखंड के लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड स्थित लोध फॉल (जलप्रपात) झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. यह देश के 21 सबसे ऊंचे जलप्रपातों में शुमार है. नये साल में यहां जश्न मनाने आयें, लेकिन इस दौरान सावधानी जरूर बरतें.
लातेहार के लोध फॉल में 143 मीटर (469 फीट) की ऊंचाई से पानी गिरता है. जब इतनी ऊंचाई से यहां पानी गिरता है तो मानो लगता है कि धरती पर चांदी की विशाल चादर बिछी हो. बूढ़ा नदी से निकलने के कारण स्थानीय भाषा में इसे बूढ़ा घाघ भी कहा जाता है. कहा जाता है कि दस किलोमीटर की दूरी से ही लोध फॉल से गिरते पानी की आवाज सुनी जा सकती है. आपको बता दें कि पिछले वर्ष नवंबर माह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लोध फॉल का नजारा देखने आये थे.
रांची से लोध फॉल की दूरी 200 किमी तथा नेतरहाट से इसकी दूरी 60 किलोमीटर है. महुआडांड़ से इसकी दूरी 17 किलोमीटर है, जबकि लातेहार जिला मुख्यालय से इसकी दूरी तकरीबन एक सौ किलोमीटर है. रांची व अन्य जगहों से यहां सड़क मार्ग से आसानी पहुंचा जा सकता है. दिनभर यहां सैर सपाटा व फॉल का नजारा देखने के बाद महुआडांड़ या नेतरहाट के होटल व लॉज में रात्रि विश्राम किया जा सकता है. नेतरहाट में हर रेंज के होटल व लॉज उपलब्ध हैं. महुआडांड़ में जिला परिषद का डाक बंगला व अन्य कई सस्ते रेस्ट हाउस हैं.
लोध फॉल से बेतला नेशनल पार्क आ कर भी भ्रमण व रात्रि विश्राम किया जा सकता है. इन दिनों लोग लोध फॉल व बेतला नेशनल पार्क भ्रमण कर लातेहार में रात्रि विश्राम करना बेहतर समझते हैं. लातेहार में होटल सेलेब्रेशन इन व द होटल ब्लीस समेत कई सुविधायुक्त होटल हैं, लेकिन अगर आप 31 दिसंबर या पहली जनवरी को यहां आ रहे हैं तो पहले से होटल आदि की बुकिंग करा लें.
तीन नवंबर 2020 से यहां वन विभाग के द्वारा इको विकास समिति का गठन कर पार्किंग शुल्क लिया जा रहा है. बसों से 100 रुपये, चार पहिया वाहनों से 50 रुपये एवं दो पहिया वाहनों से 20 रुपये बतौर पार्किंग शुल्क लिया जाता है. इसके अलावा जलप्रपात क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए 10 रुपये प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क निर्धारित है. 10 साल से ऊपर के बच्चों को भी 10 रुपये प्रवेश शुल्क देना पड़ता है.
अगर आप लोध फॉल आयें, तो एहतियात बरतना बहुत जरूरी है. खास कर अगर बच्चे साथ हों तो खास सावधानी बरतनी चाहिए. यहां पर्यटन विभाग के द्वारा 12 प्रशिक्षित सुरक्षा व स्वच्छता कर्मियों की बहाली की गयी है. यहां इनके द्वारा दिये जा रहे दिशा निर्देशों का पालन करें. थोड़ी सी लापरवाही परेशानी बढ़ा सकती है.
रिपोर्ट: आशीष टैगोर