नए साल 2022 में न्याय के देवता शनि का ही प्रभुत्व रहने वाला है. इसकी वजह है साल 2022 का प्रारंभ शनिवार से हुआ है. वहीं आने वाला नवसंवत्सर 2079 (02 अप्रैल 2022) भी शनिवार से ही शुरु होगा. बता दें कि 100 साल में 15वीं बार ऐसा होगा जब शनिवार के दिन से साल की शुरुआत हो रही है.
ज्याेतिष के अनुसार जिस वर्ष की शुरुआत जिस दिन से होती है उस वदिन का अधिपति ही साल का राजा माना जाता है. ऐसे में अंग्रेजी वर्ष 2022 की शुरुआत शनिवार से होने के कारण इसके राजा शनिदेव होंगे, वहीं हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भी नवसंवत्सर 2079 के राजा शनि देव ही होंगे. ऐसे में शनि का इस पूरे साल प्रभुत्व होगा. शनि का वर्तमान और आने वाले वर्ष में अपनी ही प्रभाव की राशियों मकर व कुंभ में होना भी उनकी शक्ति में इजाफा करने वाला साबित होगा. ऐसे में शनि का प्रभाव उस समय और अधिक बढ़ जाएगा, जब वे नवसंवत्सर 2079 के राजा बन जाएंगे. ज्योतिष के अनुसार उनके राजा बनते ही देश में न्याय प्रक्रिया मजबूत होने के साथ ही गति पकड़ने की पूरी संभावना है.
वर्ष : 1921,1927,1933,1944,1949,1955, 1966,1972,1977,1983,1994,2000,2005 और 2011.
आने वाले नए साल 2022 की भी शुरुआत शनिवार से ही होगी.
ज्योतिष के अनुसार अभी शनिदेव मकर राशि में गोचर कर रहे हैं. जो 5 राशियों पर अपनी दृष्टि लगाए हुए हैं. जहां तुला और मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है, वहीं धनु, मकर व कुंभ पर शनि की साढ़े साती चल रही है. जिसके कारण ये पांचों राशियां शनि की चाल से काफी प्रभावित हैं. अब नए साल 2022 में 29 अप्रैल को शनिदेव स्वयं की दूसरी राशि कुंभ में गोचर कर जाएंगे. तब मिथुन, तुला राशि से ढैय्या हट जाएगी और धनु राशि के लोग भी शनि की साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे.