जामताड़ा (अजित कुमार) : सदर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में 5 दिन बाद नवजात बच्ची को अपनी मां की गोद नसीब हुई. मां ने भी पहली बार अपनी बच्ची को सीने से लगाया और उसका चेहरा देख पायी. दरअसल, 6 अक्टूबर, 2020 को एक महिला प्रसव के लिए सदर अस्पताल जामताड़ा आयी थी. लेबर रूम में जाने के दौरान उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गयी. पूरे सदर अस्पताल में हड़कंप मच गया.
कोई भी डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ महिला के करीब जाने से डर रहा था. तत्काल कोविड-19 विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दुर्गेश झा को कॉल किया गया. वह कोविड-19 अस्पताल से आये और सुरक्षित प्रसव की पूरी तैयारी करवायी. अपनी मौजूदगी में महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया. तत्काल उन्होंने बच्ची का सैंपल लिया और टेस्ट करवाया. बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव थी.
बच्ची के जन्म के 5 दिन बाद यानी 6ठे दिन जब मां के सैंपल की दोबारा जांच की गयी, तो उसकी रिपोर्ट निगेटिव आयी. उसके बाद नवजात बच्ची को मां की गोद में डाला गया. जब तक यह मासूम मां से अलग रही, उसे एसएनसीयू में रखा गया था. मां को डिस्चार्ज सर्टिफिकेट तो मिल गया है, लेकिन बच्ची को एक सप्ताह तक दूध नहीं पिलाने की हिदायत दी गयी है. साथ ही कहा गया है कि मास्क के बगैर बच्ची के पास न जायें.
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बच्ची को देखते हीं मां भावुक हो गयी. अपनी बेटी को सीने लगाने के बाद खुशी से उसकी आंखें छलछला गयीं. आंखों से अश्रु बह निकले. खुशी इस बात की कि बच्ची सुरक्षित थी और वह खुद भी कोरोना से जंग जीत चुकी थी. डॉक्टर ने एहतियातन उसे बच्ची को दूध नहीं पिलाने की सलाह दी है. डॉक्टर ने कहा कि संक्रमण से मुक्त होने के बाद एहतियात बरतना जरूरी है.
बच्ची को किसी प्रकार का खतरा न हो, इसलिए मां को दूध पिलाने से एक सप्ताह तक परहेज करने के लिए कहा गया है. साथ ही कहा कि जब भी बच्चे के पास जायें, तो मास्क का उपयोग जरूर करें. समय-समय पर मां को हैंड वॉश करने की भी सलाह दी गयी है. सदर अस्पताल में मौजूद कर्मियों ने तालियां बजाकर महिला की हौसलाआफजायी की और बच्ची के साथ उसे सम्मानपूर्वक घर के लिए विदा किया.
Posted By : Mithilesh Jha