चतरा, तसलीम. सदर पुलिस ने नवजात बच्चे को बेच देने के मामले का उद्भेदन करते हुए नवजात बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है. इसमें संलिप्त 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही एक लाख 64 हजार नकद व चार मोबाइल जब्त किया गया है. इसमें नवजात की मां के पास से एक लाख, रामानंद के पास से 49 हजार व सरोज कुमार के पास से 15 हजार नकद जब्त किया गया है. यह जानकारी एसडीपीओ अविनाश कुमार ने गुरुवार को सदर थाना परिसर में प्रेस कांफ्रेंस कर दी. उन्होंने बताया कि 21 मार्च को उपायुक्त अबु इमरान को सूचना प्राप्त हुई थी कि 18 मार्च को प्रसव के कुछ ही घंटे बाद एक महिला द्वारा अपने नवजात बच्चे को बेच दिया गया है. सूचना उपायुक्त ने पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन को दी. यह घटना काफी संवेदनशील था, जिस पर पुलिस अधीक्षक ने एक विशेष छापामारी टीम का गठन किया. सकुशल बच्चे की बरामदगी व घटना में संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए जिम्मेवारी दी गयी. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मनीष लाल के द्वारा इस संबंध में आवेदन दिया गया. आवेदन के आधार पर थाना कांड संख्या 66/23 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की गयी.
इन्हें किया गया गिरफ्तार
सदर थाना क्षेत्र के दीभा मोहल्ला निवासी डिम्पल देवी, आशा देवी, मालती देवी, बुचीडाड़ी के रामानंद कुमार, बोकारो के चास थाना जोधाडीह मोर गांव निवासी आनंद प्रकाश जायसवाल, काला पत्थर गांव निवासी रजनीकांत साव, हरला थाना क्षेत्र के तैयताटांड़ के सेक्टर-09 के चंदन कुमार, हजारीबाग जिला के बड़कागांव थाना क्षेत्र के गोसाई बलिया खरांटी गांव निवासी सरोज कुमार, चंदनपुर के उपेंद्र कुमार, रीना देवी, रामगढ़ जिला के गोला थाना खैरियाटांड़ के सारू देवी शामिल हैं. गिरफ्तार लोगों में अधिकतर स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हैं.
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क्या है मामला
शहर के दीभा मोहल्ला निवासी दिलीप चौधरी की पत्नी आशा देवी ने 18 मार्च को सदर अस्पताल में नवजात को जन्म दिया था. प्रसव के आठ घंटे बाद नवजात को बेच दिया गया. नवजात का सौदा साढ़े चार लाख रुपये में किया गया था. नवजात की मां को एक लाख नकद दिया गया, जबकि साढ़े तीन लाख रुपये बिचौलियों ने ले लिया. बच्चे की खरीदारी हजारीबाग जिला बड़कागांव थाना चंदनपुर के उपेंद्र कुमार व उसकी पत्नी रीना देवी ने की थी. उपेंद्र की तीन बेटियां है. उसे बेटे की चाहत थी. इसके लिए उसने अपने साढ़ु के दामाद चंदन से संपर्क किया था. उपेंद्र की सास को गोला में जमीन का छह लाख रुपये मुआवजा मिला था. इसमें साढ़े चार लाख रुपये से बच्चे की खरीदारी की गयी. आशा देवी पेट में पल रहे तीन माह के गर्भ का गर्भपात कराना चाह रही थी. सहिया ने उसे रोका और देखरेख की. सहिया ने मेडिकल संचालक अरुण दांगी से संपर्क किया. अरुण ने टंडवा के एनटीपीसी हॉस्पिटल में ड्रेसर सरोज कुमार से संपर्क किया. इस तरह एक दूसरे से संपर्क कर बच्चे को बेचा गया. अरुण पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है. उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापामारी अभियान चलाया जा रहा है. जल्द ही उसे गिरफ्तार किया जायेगा. हालांकि अरुण के नर्सिंग होम को सील कर दिया गया है. छापामारी दल में एसडीपीओ अविनाश कुमार के अलावा पुलिस निरीक्षक सह सदर थाना प्रभारी मनोहर करमाली, पुलिस अवर निरीक्षक बीना कुमारी, निरंजन कुमार व सशस्त्र बल व तकनीकी शाखा के लोग शामिल थे.