अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स बोले- नहीं चाहिए डा तारिक मंसूर जैसा कुलपति, जानें पूरा मामला
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स डॉक्टर तारिक मंसूर जैसा कुलपति नहीं चाहते हैं. स्टूडेंट्स ऐसा कुलपति चाहते हैं जो इंस्टीट्यूशन के लिए बेस्ट हो. स्टूडेंट्स ने बताया कि डॉ तारिक़ मंसूर को जो लोग चुनकर लाए थे. वह अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए लाये थे, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स डॉक्टर तारिक मंसूर जैसा कुलपति नहीं चाहते हैं. स्टूडेंट्स ऐसा कुलपति चाहते हैं जो इंस्टीट्यूशन के लिए बेस्ट हो. स्टूडेंट्स ने बताया कि डॉ तारिक़ मंसूर को जो लोग चुनकर लाए थे. वह अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए चुनकर लाए थे. जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा. दरअसल, नए कुलपति बनाने को लेकर 30 अक्टूबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग होगी, जिसमें स्थाई कुलपति की नियुक्ति के लिए पैनल बनाया जाएगा. नियुक्ति के लिए पांच लोगों के नाम का पैनल बनेगा और फिर राष्ट्रपति की सहमति से नए स्थाई कुलपति की नियुक्ति होगी. AMU छात्र स्थाई कुलपति की नियुक्ति के लिए पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. वहीं 30 अक्टूबर को AMU एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होने को लेकर छात्र इसे बड़ी जीत मान रहे हैं और इसको लेकर के सर सैयद हॉस्टल के स्टैची हाल के सामने मिठाइयां बांटी गई.
स्थाई कुलपति की नियुक्ति को लेकर छात्रों ने SAVE AMU ACT और SAVE AMU नाम से मुहिम चलाई थी. डॉ तारिक मंसूर के इस्तीफा देने के बाद से कार्यवाहक कुलपति के रूप में प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज काम देख रहे थे. पिछले 6 महीने से स्थाई कुलपति को लेकर कोई कवायद नहीं करने पर छात्र और शिक्षक नाराज थे. वहीं विरोध प्रदर्शन के बीच कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने नए कुलपति के चयन के लिए कदम आगे बढ़ाया है. इस संबंध में कार्यवाहक कुलपति ने 30 अक्टूबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल और 6 नवंबर को यूनिवर्सिटी कोर्ट की बैठक तय की है. वही यह तारीख तय होने के बाद कुलपति का दावा करने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं. एग्जीक्यूटिव काउंसिल और एएमयू कोर्ट के सदस्यों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है.
हालांकि, टीचर्स एसोसिएशन ने स्थाई कुलपति की मांग को लेकर दिल्ली में भी धरना दिया था. छात्रों ने कुलपति का आवास घेराव किया था. बाबे सैयद गेट पर धरना दिया था. कई ईसी सदस्यों ने राष्ट्रपति को पत्र भी लिखें थे. कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज पर जानबूझकर कुलपति नियुक्ति के लिए पैनल नहीं बनाने का आरोप लगाया गया था.
विश्वविद्यालय के लिए बेहतर काम करने वाला कुलपति चाहिएवही छात्रों और शिक्षकों के विरोध के बीच कार्यवाहक कुलपति को घुटने टेकना पड़ा. जल्द स्थाई कुलपति बनाने को लेकर कवायद शुरू हो गई है. एएमयू छात्र नेता इमरान ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नये कुलपति व्यक्तिगत लाभ को दरकिनार करते हुए एएमयू की तरक्की के लिए काम करेंगे. यह जिम्मेदारी एग्जीक्यूटिव काउंसिल और एएमयू कोर्ट में बैठे हुए लोगों की है कि ऐसे कुलपति का चयन करें जो यूनिवर्सिटी की बेहतरी के लिए खुद को आगे रखें. तारिक मंसूर ने कुलपति पद पर रहते हुए एक साल का एक्सटेंशन लिया था. इसके लिए डॉ तारिक मंसूर ने कोविड के चलते स्थाई कुलपति का पैनल गठन किये जाने की बात कही थी. लेकिन वह मजे लेकर भाग गए. छात्रनेता आमिर ने उन्हें गैर जिम्मेदार कुलपति बताया है उन्होंने कहा कि अगला कुलपति जो भी हो वह सर सैयद अहमद खान के सपनों को पूरा करे.
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राष्ट्रपति के पास भेजे जाते है कुलपति के तीन नामएग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की बैठक में ईसी सदस्य नए कुलपति के लिए पांच नामों का चयन करते हैं. यह पांच नाम यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी संस्था यूनिवर्सिटी कोर्ट की बैठक में रखा जाता है. कोर्ट के सदस्य पांच नाम में से तीन पर अपनी मोहर लगाते हैं. यह तीन नाम राष्ट्रपति यानी यूनिवर्सिटी के विजिटर के पास भेजे जाते हैं. राष्ट्रपति तीन नाम से किसी एक पर कुलपति की मुहर लगाता है.
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