राजमहल में अवैध खनन पर पूरी तरह लगे रोक, एनजीटी ने झारखंड के मुख्य सचिव को दिया ये निर्देश
एनजीटी ने अपने आदेश में पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने वाले दोषी सरकारी पदाधिकारी को चिह्नित कर एफआइआर दर्ज करने का आदेश सरकार को दिया है. साथ ही एनजीटी ने पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने के चलते पत्थर कारोबारियों से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजा वसूली करने का भी आदेश दिया है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नयी दिल्ली के प्रधान बेंच में राजमहल की ऐतिहासिक पहाड़ियों को बचाने व संरक्षण संबंधी याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया है. एनजीटी ने अपने पूर्व के 10 आदेशों की समीक्षा करते हुए कहा कि साहिबगंज में सरकार की मिलीभगत से अवैध खनन क्रशर का परिवहन हो रहा है.
एनजीटी ने अपने आदेश में पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने वाले दोषी सरकारी पदाधिकारी को चिह्नित कर एफआइआर दर्ज करने का आदेश सरकार को दिया है. साथ ही एनजीटी ने पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने के चलते पत्थर कारोबारियों से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति मुआवजा वसूली करने का भी आदेश दिया है.
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एनजीटी ने झारखंड सरकार की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए सरकार पर भी पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाने को कहा है. साथ ही एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि अवैध रूप से चल रहे सभी पत्थर खदानों क्रशरों को पूरी तरह से बंद किया जाये. एनजीटी ने रेलवे की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया है.
इस संबंध में एनजीटी ने राज्य के अपर मुख्य सचिव एल ख्यांगते को तेजी से कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही राज्य के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय कमेटी को निगरानी की जिम्मेवारी सौंपी है. मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वो महीने में एक बार कमेटी की निगरानी करेंगे तथा अपना हलफनामा 15 जुलाई तक एनजीटी में समर्पित करेंगे.
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संयुक्त कमेटी बनाकर खदान व क्रशर का हो सर्वेक्षण
एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड नयी दिल्ली, झारखंड राज्य पॉल्यूशन बोर्ड व जिले के डीसी को एक संयुक्त कमेटी बना कर जिले के पत्थर खदानों व क्रशर का सर्वेक्षण कर तीन माह के भीतर रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया है. जिले के पुलिस अधीक्षक को इस कमेटी को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है.
राज्य प्रदूषण विभाग को इसका नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है. इस कमेटी को अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को भी देने का कहा है. अब इस मामले की सुनवाई 03 अगस्त को होगी. एनजीटी के इस आदेश से पुलिस प्रशासनिक पदाधिकारी सहित पत्थर कारोबारियों में हड़कंप मच गया है.
ज्ञात हो कि सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरसद नसर ने राजमहल की पहाड़ियों को बचाने के लिए एनजीटी में याचिका दायर किया है. दायर याचिका संख्या ओए – 23/2017 पर सुनवाई जो लगातार चार बार से टल रही थी आखिर बुधवार को सुनवाई हुई थी.
सुनवाई एनजीटी प्रधान बेंच के चेयर पर्सन आदर्श कुमार गोयल, जस्टिस सुधीर अग्रवाल व एक्सपर्ट मेंबर डॉक्टर ए सेंथिल वेल ने की. सुनवाई में झारखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव एल ख्यांते, मुकेश कुमार अधिवक्ता सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड नयी दिल्ली व कुमार अनुराग सिंह अधिवक्ता झारखंड राज्य पॉल्यूशन बोर्ड उपस्थित थे. याचिकाकर्ता सैयद अरशद नसर की तरफ से अधिवक्ता पुशाली बनर्जी मौजूद थीं.