NHRC issued notice to sports bodies: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और चार अन्य खेल निकायों में यौन उत्पीड़न के आरोपों से निपटने के लिए आंतरिक शिकायत समिति (ICC) नहीं होने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार (11 मई) को युवा मामलों और खेल मंत्रालय को नोटिस जारी किया. एनएचआरसी ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई), भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और कई अन्य राष्ट्रीय खेल संघों को उन रिपोर्टों पर नोटिस भेजा है जिनमें कहा गया है कि उनके पास कानून के मुताबिक शिकायत की कोई आंतरिक समिति नहीं है और कुछ के पास समिति हैं तो वह उचित तरीके से काम नहीं कर रही है.
ये नोटिस ऐसे समय में आया हैं जब कई पहलवान महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है. पहलवान उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ में कोई आंतरिक शिकायत समिति नहीं है, जैसा कि यौन उत्पीड़न रोकथाम (पीओएसएच) अधिनियम, 2013 के तहत अनिवार्य है.
एनएचआरसी के बयान के मुताबिक, ‘डब्ल्यूएफआई कथित तौर पर इकलौता खेल निकाय नहीं है जिसके पास विधिवत गठित आईसीसी नहीं है. देश के 30 राष्ट्रीय खेल संघों में से 15 ऐसे हैं जो इस अनिवार्य आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं.’ आयोग ने पाया कि अगर मीडिया रिपोर्ट सही है तो यह कानून का उल्लंघन है और इससे खिलाड़ियों के वैधानिक अधिकार और गरिमा पर असर पड़ सकता है.
आयोग ने युवा मामलों और खेल मंत्रालय के सचिव, साई, बीसीसीआई, डब्ल्यूएफआई और 15 अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों (हैंडबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, भारोत्तोलन, याचिंग, जिम्नास्टिक, टेबल टेनिस, बिलियडर्स और स्नूकर, कयाकिंग और केनोइंग, जूडो, स्क्वाश, ट्रायथलन, कबड्डी, बैडमिंटन, तीरंदाजी) को नोटिस जारी किया है. इन्हें चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा कराने के लिये कहा गया है.