पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हिंसा (Post Poll Violence in Bengal) के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को तलब किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने उन्हें 27 फरवरी को दिल्ली में पेश होने को कहा है. 2021 के विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) के बाद आईएसएफ कर्मियों पर हमले के आरोप लगे थे.
आरोप था कि आईएसएफ कर्मियों की पिटाई की गयी थी. उस आरोप के मद्देनजर ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के पुलिस महानिदेश को तलब किया है. इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) ने आरोप लगाया था कि राज्य पुलिस ने इस घटना में कोई कार्रवाई नहीं की थी. उन्होंने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था. सूत्रों ने कहा है कि उसी शिकायत के आलोक में राज्य के पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, आईएसएफ ने शिकायत की है कि चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से उसके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. आईएसएफ उम्मीदवार नौशाद सिद्दीकी के भांगड़ विधानसभा क्षेत्र से जीतने के बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने आईएसएफ कार्यकर्ताओं को परेशान करना शुरू कर दिया था. मानवाधिकार आयोग में आरोप लगाया गया है कि उनका सिर फोड़ दिया गया था.
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विधानसभा चुनाव के नतीजे दो मई को घोषित हुए थे. तृणमूल प्रचंड बहुमत से जीती थी और ममता बनर्जी राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता में आयीं. इस बीच आरोप लगाया गया कि नतीजों की घोषणा के दिन से ही विपक्ष का उत्पीड़न शुरू हो गया था. ऐसे भी आरोप लगे कि देगंगा में एक खेत में बम विस्फोट में एक आईएसएफ कर्मी मारा गया था. भांगड़ में अलग-अलग जगहों पर आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर हमले के आरोप भी लगे थे. झूठे केस में कई आइएसएफ के कार्यकर्ताओं की पिटाई के भी आरोप लगे हैं.