पीएफआइ की साजिश नाकाम करने के लिए बड़ी कार्रवाई, बंगाल समेत पांच राज्यों के 14 ठिकानों पर एनआइए के छापे

वर्ष 2022 से पीएफआइ के भारत विरोधी एजेंडे के खिलाफ एनआइए की मुहिम जारी है. एनआइए की पीएफआइ के खिलाफ पहली छापेमारी पिछले वर्ष 22 सितंबर को हुई थी, जबकि दूसरे राउंड की छापेमारी गत वर्ष 27 सितंबर को.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2023 11:35 AM

कोलकाता, अमित शर्मा : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआइए) ने लोगों के बीच सांप्रदायिक भावना पैदा कर शांति भंग करने और देश को अस्थिर करने की पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की साजिश को नाकाम करने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के पांच राज्यों में 14 जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की. इन राज्यों में पश्चिम बंगाल. केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार शामिल हैं. एनआइए की टीम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में तीन जगहों पर तलाशी अभियान चलाया. कथित तौर पर यह अभियान पीएफआइ से जुड़े सदस्यों के ठिकानों पर चलाया गया. इधर, एनआइए ने केरल के कन्नूर और मालप्पुरम जिले, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़, महाराष्ट्र के नासिक व कोल्हापुर एवं बिहार के कटिहार में भी छापेमारी की, इस दौरान कई डिजिटल उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किये गये हैं.

कई डिजिटल उपकरण समेत आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त

एनआइए के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ की गतिविधि के माध्यम से 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए एक सशस्त्र कैडर बनाने के पीएफआइ और उसके शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों को उजागर करने और विफल करने के लिए काम कर रहा है. पीएफआइ समाज के कुछ वर्गों के खिलाफ लड़ाई छेड़कर अपने भारत विरोधी हिंसक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें हथियार प्रशिक्षण प्रदान करने की साजिश रच रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी को संदेह है कि कई मध्य स्तर के पीएफआइ सदस्य ‘प्रशिक्षक’ के रूप में काम कर रहे हैं, जो अपने अत्यधिक कट्टरपंथी कैडर के लिए विभिन्न राज्यों में हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे हैं. इसी साजिश को नाकाम करने के लिए एनआइए छापेमारी की लगातार कार्रवाई कर रही है.

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2022 से पीएफआइ के भारत विरोधी एजेंडे के खिलाफ एनआइए की मुहिम जारी

वर्ष 2022 से पीएफआइ के भारत विरोधी एजेंडे के खिलाफ एनआइए की मुहिम जारी है. एनआइए की पीएफआइ के खिलाफ पहली छापेमारी पिछले वर्ष 22 सितंबर को हुई थी, जबकि दूसरे राउंड की छापेमारी गत वर्ष 27 सितंबर को. पहले राउंड के दौरान बंगाल समेत देश के पांच राज्यों से 106 पीएफआइ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोगों को गिरफ्तार व हिरासत में लिया गया था. एनआइए समेत अन्य जांच एजेंसियों को जब पीएफआइ के खिलाफ ठोस सबूत मिले, तब केंद्रीय गृह मंत्रालय से कार्रवाई की मांग की गयी थ.

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105 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र किया गया था दायर

उसके बाद ही गृह मंत्रालय ने पीएफआइ पर बैन लगा दिया. पिछले साल ही पश्चिम बंगाल में पीएफआइ के अध्यक्ष मिनारुल शेख को असम पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. इस वर्ष मार्च में एनआइए ने पीएफआइ के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज मामलों में 105 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. इसमें उन पर देश को अस्थिर करने के उद्देश्य से आपराधिक साजिश रचने और 2047 तक इस्लामी खिलाफत स्थापित करने के लिए युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया गया है.

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