23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बंगाल में कोरोना वायरस की जांच पर NICED की निदेशक ने कही यह बड़ी बात

कोलकाता : राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (NICED) की निदेशक शांता दत्ता ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार समुदाय के स्तर पर हो रहा है या नहीं, यह जानने के लिए संदिग्ध मामलों का पता लगाने और उनकी जांच करने की प्रक्रिया में तेजी लानी होगी.

कोलकाता : राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (NICED) की निदेशक शांता दत्ता ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार समुदाय के स्तर पर हो रहा है या नहीं, यह जानने के लिए संदिग्ध मामलों का पता लगाने और उनकी जांच करने की प्रक्रिया में तेजी लानी होगी.

Also Read: कोरोना वायरस महामारी के दौरान बांग्लादेश से लगी सीमा पर थम गयी घुसपैठ और तस्करी

इस बात पर असंतोष जताते हुए कि संक्रमण के लिए जांच सिर्फ उन लोगों की हो रही है, जिनमें लक्षण स्पष्ट दिख रहे हैं या फिर जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये हैं, एनआईसीईडी की निदेशक ने कहा कि किसी ने विदेश यात्रा की हो या नहीं की हो, उनकी जांच होनी ही चाहिए. राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण का जांच का जिम्मा एनआईसीईडी पर ही है.

राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (एनआईसीईडी) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के तहत आता है. यह आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) से जुड़ा हुआ है.

Also Read: बंग्ला फिल्म की अभिनेत्री नुसरत जहां के पिता में दिखे कोरोना संक्रमण के लक्षण, जांच के लिए भेजे गए सैंपल

सुश्री दत्ता ने कहा, ‘अब वक्त आ गया है कि हम स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिह्नित छोटे-छोटे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जांच करें. लोगो में लक्षण नहीं दिखने पर भी जांच की जानी चाहिए. इससे हमें यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि कोविड-19 का प्रसार समुदाय के स्तर पर हुआ है या नहीं. और स्वाब की जांच करना कोई बड़ी बात नहीं है.’

मौजूदा हालात को ‘चिंताजनक’ बताते हुए शांता दत्ता ने घर-घर जाकर जांच करने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा, ‘हमें बेहद घनी आबादी वाले बंगाल में भी घर-घर जाकर जांच शुरू करनी चाहिए. इससे हमें संक्रमण के स्तर की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी.’

Also Read: लॉकडाउन के बीच नुकसान से गुजर रही सर्कस कंपनियां, अनिश्चितता के छाये बादल

उन्होंने कहा, ‘अगर हम अन्य राज्यों में की गयी जांच से तुलना करें, तो यहां के मुकाबले अन्य राज्यों में बहुत ज्यादा जांच हुई है. यह राज्य का मामला है और सरकार को कदम उठाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि संपर्क किये जाने पर उनका संस्थान सरकार की मदद करने को तैयार है.

शांता दत्ता ने बताया कि संक्रमण प्रसार के शुरुआती दिनों के मुकाबले अब संस्थान को सरकार की ओर से जांच के लिए कम नमूने मिल रहे हैं. उन्होंने बताया, ‘पहले हमें (प्रतिदिन) करीब 90 नमूने मिल रहे थे. अब संख्या कम हो गयी है. 13 अप्रैल को हमें 60 नमूने मिले.’

Also Read: गांव में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने से नाराज लोगों ने पुलिस पर किया हमला, कई पुलिसकर्मी घायल

यह इंगित करने पर की छह अन्य केंद्रों में भी जांच हो रही है, एनआईसीईडी की निदेशक ने कहा कि उनका संस्थान ऐसी जांच करने के लिए ज्यादा उपयुक्त है. उन्होंने बताया,‘हमारे पास बेहर सुविधाएं हैं. चार उपकरण हैं. एनआईसीईडी की जांच का स्तर किसी मेडिकल कॉलेज के मुकाबले कम नहीं है. हमारी क्षमता भी बेहतर है, करीब 200 की है.’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें