Fire Accident In West Bengal: पश्चिम बंगाल में पूर्वी मेदिनीपुर जिले के इगरा में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में मंगलवार को हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये. घटना की जानकारी देते हुए एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि जिस आवास में यह फैक्टरी चल रही थी, वह ढह गया. वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि पूरा घटनास्थल ‘युद्ध क्षेत्र’ जैसा नजर आ रहा था और चारों तरफ लोगों के शरीर के चिथड़े पड़े थे और मलबा बिखरा हुआ था.
राज्य सरकार ने इस घटना की सीआईडी जांच का आदेश दिया है जबकि भाजपा ने इस घटना की एनआईए से जांच कराने की मांग की है और इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा के पास एक गांव में एक मकान में यह अवैध पटाखा विनिर्माण इकाई चल रही थी. वहां बनाये जाने वाले पटाखे ओडिशा भेजे जाते थे. स्थानीय श्रमिक वहां काम करते थे.
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि इस घटना में जान गंवाने वालों के निकटतम परिजनों को ढाई-ढाई लाख रुपये तथा घायलों को एक-एक लाख रुपये दिये जायेंगे तथा राज्य सरकार उनके इलाज का खर्च उठायेगी. एनआईए जांच की भाजपा की मांग पर बनर्जी ने कहा कि हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. यह उनके नेताओं का जिला है, इसलिए उनके कुछ फार्मूले हैं. जांचकर्ताओं को पता लगाने दीजिए.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि ध्वस्त हुए मकान में ‘गुप्त चैंबर’ से विस्फोटक सामग्री की बोरियां मिली हैं. उन्होंने कहा कि प्राथमिक जांच में पाया गया है कि इस घटना में जान गंवाने वाले सभी पांच व्यक्ति एवं घायल सभी सात लोग फैक्टरी के कामगार थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि इगरा थाने के स्थानीय पुलिस प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि ‘‘उन्हें इस क्षेत्र में अवैध पटाखा विनिर्माण इकाई चलने की जानकारी नहीं थी.’’
बनर्जी ने कहा कि इस अवैध पटाखा विनिर्माण इकाई का मालिक मंगलवार के विस्फोट के बाद ओडिशा भाग गया. उन्होंने कहा कि मालिक को यह फैक्टरी चलाने को लेकर पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं पुलिस से उसका विवरण ओडिशा पुलिस से साझा करने को कहूंगी, ताकि उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाए.’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने दावा किया कि जिस पंचायत क्षेत्र में यह विस्फोट हुआ है, वहां का संचालन भाजपा-समर्थित एक निर्दलीय नेता करता है तथा तृणमूल कार्यकर्ताओं को उस गांव में घुसने नहीं दिया जाता.