NIRF Ranking 2023: प्रत्येक वर्ष केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की जाती है. इसमें भारत के टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेजों की लिस्ट जारी की जाती है. यह लिस्ट अलग-अलग कैटेगरी और सब्जेक्ट्स के आधार पर भी बंटी होती है. इस वर्ष यानी 2023 में नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की ओर से जारी रैंकिंग में कॉलेज कैटेगरी की बात करें तो मिरांडा हाउस दिल्ली को पहला स्थान मिला है जबकि दूसरे स्थान पर हिंदू कॉलेज दिल्ली है. तीसरे स्थान पर प्रेसीडेंसी कॉलेज चेन्नई, PSGR Krishnammal College for Women चौथे स्थान पर है और संत जेवियर्स कॉलेज कोलकाता पांचवें स्थान पर है. झारखंड, बिहार, यूपी से किसी भी कॉलेज ने टॉप 100 कॉलेज में अपनी जगह नहीं बनाई है. जबकि इस कैटेगरी में तमिलनाडु के 35 कॉलेज, दिल्ली के 32 कॉलेज और केरल के 14 कॉलेज शामिल हैं. आगे देखें पूरी लिस्ट.
NIRF Ranking 2023 College Category चेक करने के लिए क्लिक करें.
तमिलनाडु – 35
दिल्ली- 32
केरल- 14
वेस्ट बंगाल- 8
महाराष्ट्र- 3
कर्नाटका- 2
मिजारेम- 1
पांडिचेरी- 1
चंडिगढ़- 1
हरियाणा- 1
गुजरात- 1
तेलंगाना- 1
एनआईआरएफ रैंकिंग कैसे होती है? Education Ministry यह कैसे तय करता है कि किस संस्थान को कौन सा स्थान देना है? ऐसे समझें-
एनआईआरएफ रैंकिंग में शामिल होने के लिए संस्थान खुद शिक्षा मंत्रालय के पास अप्लाई करते हैं. समय के साल दर सल आवदेन करने वाले संस्थानों की संख्या बढ़ती गई है. पिछले साल देशभर से कुल 6,272 यूनिवर्सिटी, कॉलेज व इंस्टीट्यूट्स ने इस रैंकिंग के लिए अप्लाई किया था. इनमें से 4,030 यूनीक एप्लीकेशन थे. जिनमें ओवरऑल कैटेगरी के लिए 1,657 संस्थान, इंजीनियरिंग के लिए 1143, मैनेजमेंट के लिए 659, फार्मेसी के लिए 351, लॉ के लिए 120, मेडिकल के लिए 111, आर्किटेक्चर के लइए 78 और जेनरल डिग्री कॉलेज की श्रेणी में 1802 आवेदन आए थे.
NIRF रैंकिंग के लिए जो संस्थान आवेदन करते हैं, उन्हें शिक्षा मंत्रालय की टीम द्वारा कुल 5 मुख्य पैरामीटर्स और 16 सब-पैरामीटर्स पर रखा जाता है. अलग-अलग टीम हर संस्थान में जाकर विजिट करती है और तय मानकों के आधार पर उनका मूल्यांकन करती है. इसके बाद उस संस्थान को स्कोर दिया जाता है. इस स्कोर के आधार पर ही रैंकिंग निर्धारित होती है. जानिए वो पैरामीटर क्या-क्या हैं?
टीचिंग, लर्निंग और रिसोर्स (TLR)- इसके अंतर्गत 4 सब पैरामीटर होते हैं. पहला – स्टूडेंट्स की संख्या जिसमें पीएचडी वाले स्टूडेंट भी शामिल होते हैं. दूसरा – फैकल्टी और स्टूडेंट्स की संख्या का अनुपात, जिसमें परमानेंट फैकल्टी पर जोर होता है. तीसरा – पीएचडी और अनुभव वाले शिक्षक. चौथा – आर्थिक रिसोर्स क्या, कितना है और उनका उपयोग किस तरह किया जा रहा है.
रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिस (RP)- इसमें भी चार सब-पैरामीटर्स आते हैं. पहला – कितने जर्नल या शोध प्रकाशित हुए. दूसरा – उन प्रकाशित रिसर्च वर्क की गुणवत्ता कैसी है. तीसरा – कितने IPR और पेटेंट हुए हैं- कितने प्रकाशित हुए और कितने ग्रांट हुए. चौथा – प्रोफेशनल प्रैक्टिस और प्रोजेक्ट्स के फुटप्रिंट्स.
ग्रेजुएशन आउटकम (GO)- इसके तहत दो सब-पैरामीटर्स पर मूल्यांकन किया जाता है. पहला – यूनिवर्सिटी एग्जाम्स. दूसरा – संस्थान से पास होने वाले पीएचडी स्टूडेंट्स की संख्या.
आउटरीच और इन्क्लूसिविटी (OI)- इसके अतंर्गत 5 सब-पैरामीटर हैं. पहला – दूसरे राज्यों और देशों से आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या/ प्रतिशत. दूसरा – संस्थान में महिलाओं/ छात्राओं की संख्या. तीसरा – आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की संख्या. चौथा – दिव्यांग स्टूडेंट्स के लिए संस्थान में उपबल्ध सुविधाएं. पांचवां – संस्थान के बारे में स्टूडेंट्स और अन्य स्टेकहोल्डर्स के बीच राय/ अवधारणा.
पीयर परसेप्शन- इसमें सिर्फ शैक्षणिक सहयोगियों और नियोक्ताओं के बीच संस्थान को लेकर विचार या अवधारणा की जांच की जाती है.
यहां आपको जो पैरामीटर्स बताए गए हैं, वे ओवरऑल हैं. कैटेगरी वाइज पूरी डीटेल जानने के लिए एनआईआरएफ रैंकिंग पैरामीटर पर क्लिक करें.